उत्तर प्रदेश न्यूज़: मंच पर ही रो दिए BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह, फिर कहा- ‘मैं 70 साल का होने वाला हूं और नौजवानों से जंग’

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के गोंडा (Gonda) के तरबगंज के एक निजी विश्वविद्यालय में कैसरगंज से ही बीजेपी (BJP) सांसद बृजभूषण शरण सिंह (Brij Bhushan Sharan Singh) की ओर से एक प्रतिभा सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया था. इसमें तरबगंज क्षेत्र के पढ़ने वाले ज्यादातर सभी विद्यालयों में हाईस्कूल, इंटर और सभी दूसरे प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल करने वाले टॉप 20 परीक्षार्थियों को बुला कर सम्मानित किया गया. इस दौरान ही बीजेपी सांसद एक नारी शक्ति के गीत के दौरान भावुक होकर मंच पर ही रोने लगे ओर वहीं जब वो मंच को साझा किया तो अपने उम्र के बारे में चर्चा करते हुए उन्होने पहलवानों पर सीधे निशाना साधते हुए भी दिखाई पड़े.अपने अंदाज़ में बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि कोई मुझे कहता है कि मे 66 साल का हूं और कोई 67 का मुझे कहता है. मैं 65 साल का हूं, मैंने उन्हे कहा कि प्रथम निरोगी काया. अब के 65 साल के आदमी तो हमेशा के लिए ही बिस्तर पर लेट जाते हैं और मेरी इतनी उम्र होने के बाद भी मे आपके सामने हाथ जोड़कर खड़ा हुआ हूं तो अगर हम स्वस्थ नहीं रहेंगे तो आपकी सेवा में कैसे कर सकते हैं. हम पहले किताबों में पढ़ते थे कि कितनी उम्र में फला, इतनी उम्र में फला, ओर अब मैं 70 पहुंचने वाला हूं और कई नौजवानों से जंग भी कर रहा हूं, यह 7 महीने से कर रहा हूं. एक के ऊदल के जियरा पर चमके 300000 तलवार जितना रहे चाहे जहां छिपा रहे सब आए गए दे मार दे मार दे मार नेताजी नेताजी और नेताजी ललकारत हैं जय श्री राम.

उन्होने मंच से ही इंडिया गठबंधन पर भी साधा निशाना

इस दौरान बीजेपी सांसद ने गठबंधन पर भी सीधा निशाना साधते हुए कहा कि इसके पहले भी कई गठबंधन हुए हैं. लेकीन 2 साल से अधिक कोई भी प्रधानमंत्री नहीं रहा. इस बार तो अभी तक प्रधानमंत्री का चेहरा ही कोई तय नहीं हुआ है. पूरे 26 दल इस गठबंधन में हैं. इस हिसाब से तो 2 साल के अंदर ही 8 प्रधानमंत्री के चेहरे होंगे. क्षेत्रीय दलों की तो अहमियत है लेकिन राष्ट्रीय नेतृत्व करने की अभी किसी मे बात नहीं है. ओर अगर मान लीजिए ममता बनर्जी इसमें सक्षम है तो उनके यहां पर भी पंचायत चुनाव में सुप्रीम कोर्ट तक भी टिप्पणी कर चुकी है.बृजभूषण शरण सिंह ने आगे अपने अंदाज़ में ही कहा कि राहुल गांधी देश की इतने बड़े पार्टी के नेता होने के बाद कोई भी सीरियस बयान नहीं देते हैं और मैं राहुल गांधी को सीरियस नहीं लेता. पहले तो गठबंधन भी कांग्रेस के खिलाफ होते थे और अब ये गठबंधन बीजेपी के खिलाफ हो रहे हैं. राहुल गांधी राष्ट्रीय नेतृत्व की पार्टी होने के बाद भी क्षेत्रीय पार्टी के गोद में जाकर ही बैठ गए हैं. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पर भी बोलते हुए बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि वे पूरे भारत की ही पदयात्रा पहले ही कर चुके हैं. ओर अपनी पदयात्रा करने के बाद वह क्षेत्रीय दलों के गोद में जाकर बैठ गए हैं.

उन्होने राहुल गांधी पर किया कई तंज

जान ले कैसरगंज के सांसद ने कहा कि एक समय ऐसा होता था जब देश के अंदर ही कांग्रेस के खिलाफ लोग इकट्ठा होते थे और क्षेत्रीय दलों को वह इकट्ठा करते थे लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व का ही परिणाम रहा कि आज एक राष्ट्रीय दल होते हुए भी राहुल गांधी क्षेत्रीय दल के गोद में बैठ गए हैं. मैं इस समय आपको बताना चाहता हूं कि यह जो गठबंधन का नाम हम आज कल सुन रहे हैं , हम इंडिया को जानते हैं इंडिया मुजाहिदीन को जानते हैं ऐसे कई गठबंधन पहले भी हो चुके हैं फर्क केवल इतना है कि पहले कांग्रेस के खिलाफ यह गठबंधन होते थे अब ये बीजेपी के खिलाफ हो रहे हैं.

उन्होने कहा आख़िर इस गठबंधन का नेता कौन होगा?

वहा पर बीजेपी सांसद ने कहा कि जब-जब भी ऐसी सरकार बनी है उसमे 2-2 प्रधानमंत्री बने हैं 3-3 प्रधानमंत्री भी बने हैं और 2 साल के अंदर ही चुनाव भी हुआ है और जो ये इंडिया का गठबंधन हुआ है, इसमें तो कुल 26 दल हैं तो 2 साल के अंदर ही देश में 4 प्रधानमंत्री भी बन सकते हैं ऐसा दिखाई पड़ रहा है कि 2 साल के अंदर ही चार आंखें इनको कंट्रोल आख़िर कौन करेगा. इस गठबंधन का नेता आख़िर कौन होगा इन सब के अलग-अलग विचार हैं और आपको याद तो होगा सन 1989 और 1996 संजय कुमार गुजराल और देवगौड़ा, देश में एक बहुत ही बड़ी त्रासदी झेली थी राखी को जम्मू-कश्मीर के हिंदुओं ने खेला था और इस सब का जिसका खामियाजा आज तक हम लोग झेल भी रहे हैं.बृजभूषण सिंह ने आगे कहा कि यह गठबंधन जब जब भी बने हैं गठबंधन इसके पहले भी कई हुए हैं, लेकीन 2 साल तक ही सरकार चली है 2 प्रधानमंत्री बने हैं मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह फिर 1989 में ही विश्वनाथ प्रताप सिंह और चंद्रशेखर फिर 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी को भी लोगों ने हटा तो दिया लेकिन उनको हटाने के बाद में कितने दिन वह सरकार चली. गुजरात और आज तक हमारे इस देश के अंदर जब-जब प्रयोग हुए हैं वह 2 साल से ज्यादा तो नहीं चल पाए तो देश को इस बात के लिए पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए.उन्होंने आगे कहा कि जब देश गठबंधन पर विचार करेगा 2 साल के पहले प्रयोग भी हो चुके हैं, उससे एक भयानक दृश्य उत्पन्न होगा.

आख़िर इस गठबंधन इंडिया का नेता कौन होगा

पहले तो क्या उस नेता का अन्य दलों पर दबाव होगा, ओर उनके इश्यू क्या होंगे उनकी आख़िर विचारधारा क्या होगी और आज राहुल गांधी जा करके अपनी पार्टी को ओर मजबूत न करने के बजाय क्षेत्रीय दलों की ही गोद में जाकर बैठ गए हैं और अब वह यात्रा कर रहे हैं. आख़िर उनकी यात्रा का उद्देश्य क्या है पार्लियामेंट चल रही है आपको पार्लियामेंट के फोरम में आकर भी अपना विचार रखना चाहिए अपनी बात भी करनी चाहिए सरकार की आलोचना भी करनी चाहिए.

मंच से ही मणिपुर हिंसा पर भी कही ये बात

बृजभूषण शरण सिंह ने आगे कहा कि सभी क्षेत्रीय दलों की काफ़ी अहम भूमिका है लेकिन हर प्रांतों के ही अपने अलग-अलग विचार हैं और विपक्ष में कोई भी ऐसा लीडर नहीं दिखाई पड़ रहा है जो इनको विचारों के आधार पर ही एकता के सूत्र में बांध सकें, क्या ममता बनर्जी इन्हे बांध पाएंगी, अगर ममता बांध सकती हैं तो हो सकता है कि भला लेकिन पंचायत चुनाव में ही सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट इनपर टिप्पणी कर रहा है. यूपी में इन क्षेत्रीय दलों की काफ़ी अहमियत है लेकिन लालू यादव और नीतीश कुमार की भी अहमियत बिहार में उतनी ही है. आख़िर राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व कौन करेगा यह देश के लिए एक बहुत खतरनाक होगा. क्षेत्रीय दल इतने ज्यादा मजबूत स्थिति में है कि इनको सरकार में 8-8 प्रधानमंत्री बनाना पड़ेगा.बीजेपी सांसद ने आगे कहा कि गठबंधन पर कोई भी सफल प्रयोग दिखाई नहीं पड़ रहा है. वहीं मणिपुर हिंसा पर भी राहुल गांधी की टिप्पणी पर सांसद ने कहा कि मैं उनके बयान को कोई सीरियस नहीं लेता हूं, उसके पहले भी कई सारे ऐसे बयान दे चुके हैं, इतनी बड़ी पार्टी का नेता नन सीरियस हो तो उसपर कोई ध्यान नहीं देता आप विश्वास प्रस्ताव में ऐसे ही थोड़े जाएंगे कि सुनिएगा वहा पीएम मोदी का भाषण. मैं राहुल गांधी जी को यहां एक सलाह दूंगा कम से कम वो तैयारी करके अपनी बात रखें.

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