AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में कुछ ही देर में भारतीय किसान यूनियन की एक बड़ी महापंचायत शुरू होगी। इसको लेकर ही भारी संख्या में किसान अभी ईको गार्डन पहुंच रहे हैं। इस बीच, इस महापंचायत में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा- किसानों की कई सारी मांगे हैं। बीजेपी सरकार ने अपने घोषणापत्र में कहा था कि किसानों को मुफ्त में बिजली देंगे। यह घोषणापत्र झूठा था क्या…। या जनता ही बेवकूफ थी। आपने केवल बहकाने का ही काम किया। ये सरकार भी आमने-सामने बैठकर बात नहीं करती है। जो यह लिखत-पढ़त में देती है, उस पर भी काम नहीं करती।
टिकैत ने आगे कहा, लोकतंत्र में भीड़ ही एकमात्र ऐसा साधन है। एमएसपी कानून इस देश में बनना चाहिए। ये पूरे देश की ही डिमांड है। वैचारिक क्रांति देश में ही होगी। पुरानी पेंशन नीति पर भी काम होना चाहिए। किसानों को फसलों के उचित दाम मिलने चाहिए। क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में किसान यूनियन का कोई किसी तरह से राजनीति दखल रहेगा? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी हमारी कोई रणनीति नहीं है। एमएसपी गारंटी कानून को लेकर सरकार की ढुलमुल नीति ईको गार्डन में हो रहे इस आयोजन में यूं तो किसानों से जुड़े हुए कई मुद्दों को उठाया जा रहा है। लेकिन मुख्य तौर से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य ) और गन्ना किसानों के बकाया का मुद्दा भी छाया दिख रहा है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का सरकार पर आरोप है कि सरकार अपने वादे पूरा नहीं कर ही नहीं सकी है। मुफ्त में बिजली देने के ऐलान पर भी अभी अमल नहीं हो सका है।किसान नेताओं का सीधा आरोप है कि एमएसपी गारंटी कानून को लेकर बहुत ही ढुलमुल नीति अपनाई जा रही है। जबकि 2011 में जब मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उनकी अध्यक्षता में ही गठित कमेटी ने तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार को एक रिपोर्ट सौंप कर एमएसपी गारंटी लागू करने की मांग की थी।साल 2024 के आम चुनाव से पहले ही लखनऊ में हो रहे इस किसान जमावड़े की ओर सत्ता और विपक्ष दोनों ही खेमों की पूरी निगाहें टिकी हैं। आपको बता दें कि दो साल पहले 22 नवंबर, 2021 में लखनऊ में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से ही किसान महापंचायत बुलाई गई थी।
तब एमएसपी की गारंटी देने वाले कानून की मांग काफ़ी जोर-शोर पर उठी थी। हालांकि यह मुख्य मुद्दे के तौर पर छाया रहा था लखीमपुर खीरी हिंसा मामला। उस महापंचायत में भी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ की बर्खास्तगी की मांग को लेकर किसानों ने बुलंद किया था।