साइबर हैकर ने डॉ. के एन मोदी फाउंडेशन के आठ कॉलेजो का डेटा हैक कर लिया। सिस्टम पर 29 अगस्त को हमला करने के बाद हैकर्स ने क्रिप्टो करंसी में एक मिलियन डॉलर (करीब आठ करोड़ रुपये) रुपये की मांग की हैं।
घटना के एक सप्ताह बाद मंगलवार को फाउंडेशन के संदीप यादव एवं अन्य अधिकारियों ने मोदी नगर थानें में मामला दर्ज कराया। साइबर सेल हैकर्स का पता लगाने में जुटी है। एसएसपी मुनिराज जी ने कहा, कि केस दर्ज कर हैकर्स को ट्रेस करने के लिए साइबर सेल को जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने कहा, साइबर विशेषज्ञ की मदद भी ली जाएगी।
फाउंडेशन की आईटी सेल भी डेटा रिकवर करने में जुटी है। यह फाउंडेशन मोदीनगर में डॉ. के एन मोदी इंस्टीट्यूट एंड टेक्नोलॉजी, डॉ. के एन जीडी मोदी इंजीनियरिंग कॉलेज समेत दस से अधिक शैक्षिक संस्थानों का भी संचालन कर रहा है। जानकारी के मुताबिक, 29 अगस्त की दोपहर इन कॉलेजों के कंप्यूटर पर हैकर्स का मैसेज आने के बाद मामला सामने आया। इसमें लिखा था । कि वायरस लॉकबीट ब्लैक से हमला किया गया है। आपका डेटा चोरी करके एनक्रिप्ट किया गया है। मदद के लिए पुलिस या एफबीआई के पास ना जाएं। नहीं तो डेटा डिक्रिप्ट करने में समस्या पैदा हो सकती हैं।
हैकर्स ने मैसेज में ये भी लिखा, इस मामले में बिचौलिये को शामिल ना करें। सीधे लेनदेन करें। खुद को शीर्ष हैकर्स बताते हुए कहा है कि तीन सालों में उनके ग्रुप का कोई भी सदस्य पकड़ा नहीं गया है। यह धमकी दी गई है कि अगर पैसों का भुगतान नहीं किया गया तो वो फिर से हमला करेंगे। दावा किया गया है कि हैकर्स अपराध करने के बाद एक भी सबूत नहीं छोड़ते हैं।