Tuesday, December 10, 2024

मेरठ में एक और हॉस्पिटल सील किया गया, मरीजों की जान से किया जा रहा खिलवाड़, डॉक्टर विश्वजीत बेबी के नाम पर सामने आया, बड़ा झोल।

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Ainnews1.com : मेरठ के न्यूटिमा हॉस्पिटल में 28 जुलाई को एक मरीज गंभीर अवस्था में भर्ती किया गया। उसका यह कहना था कि यूरोलोजिस्ट डा. शरत चंद्र से ऑपरेशन कराया गया था,आयुष्मान भारत के पैनल के अंतर्गत, डा शरत चंद्र ने रिपोर्ट चेक किए तो पता चला, कि उनके नाम पर किसी और ने आपरेशन किया था। डा. शरत के नाम पर श्री भूषण अस्पताल में लंबे समय से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। डा शरत चंद्र ने इस बात की शिकायत सीएमओ से की। शिकायत पर सीएमओ ने गोकुलपुर स्थित श्री भूषण हॉस्पिटल को सील करते हुए उसका पंजीकरण रद्द कर दिया। वही दूसरी ओर, यूरोलोजिस्ट डा. शरत चंद्र के नाम पर किसी अन्य द्वारा आपरेशन करने के मामले में सील किए जा चुके श्री भूषण हॉस्पिटल में फिजिशियन डा. विश्वजीत बेंबी की भी डिग्री व कागजात का दुरुपयोग पकड़ में आ गया हैं।

डिग्री व रजिस्ट्रेशन नंबर का गलत तरीके से इस्तेमाल हुए जाने पर सीएमओ को दिए गए, शिकायती पत्र में डा. बेंबी ने कहा, कि वो न्यूटिमा के अलावा सिर्फ गढ़ रोड स्थित अपने कृष्णा राज क्लीनिक पर ही ओपीडी करते हैं। वे भूषण हॉस्पिटल कभी नहीं गए और ना ही डा. राहुल मित्तल को जानते हैं। जहां बोर्ड पर उनका नाम बतौर फिजिशियन लिखा गया इसमें डा. बेंबी के पिता का नाम नहीं लिखा गया। रजिस्ट्रेशन नंबर भी गलत पाया गया।आइएमए अध्यक्ष डा. रेनू भगत की अगुआई में डा. तनुराज सिरोही, डा. अनुपमा सिरोही, डा. शरत चंद्र, डा. विश्वजीत बेंबी, डा. कुंवर अनीस खान, डा. ऋषि भाटिया समेत कई अन्य लोगो ने शनिवार की दोपहर करीब एक बजे सीएमओ डा. अखिलेश मोहन से मुलाकात की। सीएमओ ने यह साफ किया,कि अस्पतालों के कागजात को फिर से चेक किया जाएगा। डाक्टरों को बुलाकर सारी जानकारी ली जाएगी। कि क्या अस्पताल उनकी अनुमति से उनकी डिग्री इस्तेमाल कर रहे हैं या नहीं।आइएमए, नर्सिंग होम एवं अन्य चिकित्सकों के साथ बैठक भी की गई। सभी हॉस्पिटल के नए सिरे से कागजात की जांच करानी होगी। जरूरत पड़ने पर कागजातो की हार्ड कापी भी मांगी जाएगी। डाक्टरों से भी अपनी स्थिति साफ करने के लिए कहा गया। दोनों हॉस्पिटल सील कर लिए गए है। जांच की रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी। एक दो नहीं, बल्कि कई हॉस्पिटलों में ऐसा होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे किसी के नाम से दूसरा कैसे इलाज कर सकता है। और बहुत से हॉस्पिटलों में तो वार्ड ब्वाय और टेक्नीशियन से भी सर्जरी कराने की शिकायतें आई। यह एक दुखद घटना ही नहीं, बल्कि लोगो की जान से खिलवाड़ भी किया जा रहा है।

– डा. सुभाष यादव, सचिव, यूरोलोजी एसोसिएशन

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