लेटरल एंट्री: सरकारी सेवा में विशेषज्ञता लाने की अपरिहार्यता
AIN NEWS 1: लेटरल एंट्री, यानी सरकारी सेवा में बाहरी विशेषज्ञों की भर्ती, एक ऐसा महत्वपूर्ण तरीका है जिसके माध्यम से सरकार विशिष्ट क्षेत्रों में आवश्यक विशेषज्ञता प्राप्त कर सकती है। वर्तमान में कई ऐसे विशेष क्षेत्रों हैं जिनमें सरकार के पास पर्याप्त और सक्षम विशेषज्ञ नहीं होते। ऐसी स्थिति में, लेटरल एंट्री एक प्रभावी समाधान प्रस्तुत करती है।
लेटरल एंट्री की उपयोगिता
1. विशेषज्ञता की पूर्ति : सरकारी क्षेत्र में अक्सर ऐसे जटिल और तकनीकी मुद्दे उत्पन्न होते हैं जिनके लिए विशेष ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है। उदाहरण के लिए, साइबर सुरक्षा, डेटा एनालिटिक्स, और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों की कमी हो सकती है। लेटरल एंट्री के माध्यम से इन क्षेत्रों में विशेषज्ञों की भर्ती से सरकारी तंत्र को नई दिशा और दक्षता मिल सकती है।
2. प्रभावशीलता में सुधार : बाहरी विशेषज्ञ सरकारी नीतियों और योजनाओं के कार्यान्वयन में नवीनतम तकनीक और दृष्टिकोण लेकर आते हैं। इससे न केवल सरकारी कार्यों की प्रभावशीलता बढ़ती है, बल्कि योजनाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
3. विभिन्न दृष्टिकोणों का समावेश : लेटरल एंट्री से सरकारी सेवाओं में विविध अनुभव और दृष्टिकोण आते हैं, जो कि नीतियों और योजनाओं के विकास में मददगार साबित हो सकते हैं। यह विभिन्न मुद्दों पर नई और प्रभावी समाधान सुझा सकता है।
संसदीय समर्थन
शशि थरूर, जो कि कांग्रेस पार्टी के सांसद और वरिष्ठ नेता हैं, ने 2017 में संसद में लेटरल एंट्री के समर्थन में वक्तव्य दिया। उनका तर्क था कि सरकारी सेवा में बाहरी विशेषज्ञों की भर्ती से न केवल दक्षता में सुधार होगा, बल्कि सरकारी कार्यों में पेशेवरता भी बढ़ेगी। उनका कहना था कि ऐसी नीतियों से सरकार को उन क्षेत्रों में भी सुधार की संभावना मिल सकती है जहाँ अभी तक सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
लंबे समय में लाभ
शशि थरूर ने यह भी उल्लेख किया कि लेटरल एंट्री से सरकारी सेवा में आने वाले विशेषज्ञ अपने अनुभव और ज्ञान के आधार पर लंबी अवधि में महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं। यह न केवल वर्तमान समस्याओं का समाधान करेगा, बल्कि भविष्य के लिए भी एक मजबूत नींव तैयार करेगा।
निष्कर्ष
लेटरल एंट्री एक प्रभावशाली उपाय है जो सरकारी सेवाओं में विशेषज्ञता की कमी को पूरा कर सकता है। इससे न केवल सरकारी कार्यों की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि व्यापक दृष्टिकोण और अनुभव से सरकारी योजनाओं की सफलता की संभावना भी बढ़ेगी। शशि थरूर के द्वारा 2017 में दिए गए समर्थन से यह स्पष्ट होता है कि लेटरल एंट्री को एक प्रभावी और आवश्यक रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।
इस प्रकार, लेटरल एंट्री को अपनाने से सरकारी तंत्र में नई ऊर्जा और विशेषज्ञता का समावेश होगा, जो कि विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।