उत्तर प्रदेश: आवारा जानवरों को सड़क पर खड़ा कर मंत्री का काफिला रोकना ग्रामीणों को पड़ा भारी, 90 अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज?

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश में बरेली के सिरौली क्षेत्र में सड़क पर ही आवारा मवेशीयो को खड़ा कर पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह का काफिला रोकना वहां के ग्रामीणों को काफी महंगा पड़ गया। अब इस पूरे मामले में कुल 90 अज्ञात लोगों के खिलाफ मे मामला दर्ज कर लिया गया है। वहा पर पुलिस ने रविवार को ही बताय कि आंवला तहसील स्थित एक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पशुधन मंत्री का काफिला जा रहा था। रास्ते में सुनियोजित तरीके से कुछ लोगों ने सड़क पर ही आवारा पशुओ को खड़ा कर दिया। जिससे मंत्री, अफसर और अन्य लोग वहा पर फंस गए।

इन जाम लगाने वाले लोग इस प्रकार से आवारा पशुओं पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे थे। उन्हें समझाने में लगे अफसरों के साथ मे उनकी नोकझोंक और धक्का-मुक्की भी हुई। यह पूरा मामला जब शासन तक पहुंचा, उसके बाद 90 अज्ञात लोगों पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। ज्ञात हो कि 17 अगस्त की दोपहर को ही पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, अपर मुख्य सचिव डॉ. रजनीश दुबे, बरेली डीएम शिवाकांत द्विवेदी, स्थानीय व शासन से आए अधिकारी और विभागीय अफसरों के साथ मे ही गांव गुरगांव मुस्तकिल में प्रस्तावित पशु पॉली क्लीनिक का शिलान्यास करने के लिए जा रहे थे। इस सूचना पर सैकड़ों ग्रामीणों ने वहा छुट्टा गोवंशीय पशु एकत्र कर गांव पिपरिया उपराला में मार्ग पर ही खड़े कर दिए थे। इसकी जानकारी होने पर वहा अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने का काफ़ी ज्यादा प्रयास किया, लेकिन उन्होंने एसडीएम गोविंद राम मौर्या और पुलिस अधिकारियों से नोक झोक ओर धक्कामुक्की कर दी।पॉली क्लीनिक का शिलान्यास करने के लिए जा रहे पशुधन मंत्री ने ही अपनी कार से उतरकर प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच जाकर मोर्चा संभाला। मंत्री ने वहा पर लोगों को उनकी समस्या का स्थायी समाधान कराने का आश्वासन भी दिया। तब कहीं जाकर मार्ग खुल पाया। इसके बाद पशुधन मंत्री का काफिला वहा से रवाना हुआ।

पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बरेली राजकुमार अग्रवाल ने बताया कि इस तरह से विभागीय मंत्री का काफिला रोके जाने के मामले में पिपरिया पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजय कुमार वर्मा द्वारा अब संबंधित थाने में एक तहरीर भी दी गई है। जिसके आधार पर पुलिस ने पशुधन मंत्री का रास्ता रोकने वाले कुल 90 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। एफआईआर में कोई भी नामजद तो नहीं है। लेकीन रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है।

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