AIN NEWS 1:चुनावी साल के आरंभ होते ही केंद्र सरकार ने आम लोगों को राहत देने का काम शुरू कर दिया है. वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत के साथ ही लगातार ऐसे कई एलान किए गए हैं जिनसे आम आदमी को फायदा मिलना तय है. इसकी पहल अप्रैल के आगाज के साथ ही स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के साथ हो गई थी. इसके बाद नैचुरल गैस की कीमत तय करने के फॉर्मूले में बदलाव करके CNG और PNG को सस्ता किया गया. इस बीच RBI ने सभी अनुमानों को गलत साबित करते हुए रेपो रेट बढ़ाने पर ब्रेक लगाए जिससे होम लोन महंगा नहीं हुआ. रेपो रेट का फैसला भले ही सरकार के हाथ में ना हो लेकिन ये फैसला भी जनता को राहत देने में सफल रहा है.
पेट्रोल-डीजल पर घटेगी एक्साइज ड्यूटी!
तोहफों की ये सौगात अभी थमने नहीं जा रही है. अब सरकार आम आदमी की गाड़ी चलाने के लिए जरुरी CNG के बाद पेट्रोल और डीजल को भी सस्ता कर सकती है. ऐसे में जल्दी ही सरकार पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में कटौती करने का फैसला कर सकती है. इसके बाद मई 2022 के बाद एक बार फिर पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी आ सकती है. हालांकि इस बारे में फिलहाल मंथन जारी है और सरकार इस पर कोई भी फैसला करने से पहले तेल कंपनियों की बैलेंस शीट को देखेगी. इसके अलावा इस बात का भी जायजा लिया जाएगा कि एक्साइज ड्यूटी की कटौती से आम आदमी को राहत मिलने के साथ ही सरकार की कमाई पर भी ज्यादा असर ना पड़े.
सरकारी खजाने का ख्याल रखकर लिया जाएगा फैसला
सरकार की आमदनी में जो कमी आएगी उसकी भरपाई भी आसानी से करने के विकल्पों पर सरकार विचार करेगी. अगर इस कमी को पूरा करने के रास्ते आसानी से मिल जाते हैं जिनसे आम आदमी की जेब पर भी असर ना पड़े तो फिर जनता को जल्दी ही सस्ते पेट्रल-डीजल का तोहफा मिल सकता है. लेकिन अगर नुकसान की भरपाई करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी तो फिर मुमकिन है कि राहत का आकार ज्यादा बड़ा नहीं होगा. फिलहाल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 80 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर बने हुए हैं. इनमें जारी उतार-चढ़ाव के बावजूद तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम महीनों से नहीं बढ़ाए हैं.
मई 2022 में घटी थी एक्साइज ड्यूटी
इसके पहले 21 मई 2022 को पेट्रोल पर 8 और डीजल पर 6 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाई गई थी. इस कटौती के बाद पेट्रोल पर 19.90 और डीजल पर 15.80 रुपये एक्साइज ड्यूटी वसूली जा रही है. लेकिन अगर मोदी सरकार के सत्ता में आने से पहले के आंकड़ों को देखें तो पेट्रोल पर दोगुनी और डीजल पर 4 गुना ज्यादा एक्साइज ड्यूटी वसूली जा रही है. 1 अप्रैल 2014 को पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर थी. ऐसे में सरकार के ऊपर एक्साइज ड्यूटी घटाने का दबाव भी है.
सरकारी खजाने पर बड़ा बोझ
खर्चों का अंदाजा लगाना इसलिए भी जरुरी है कि सरकार पहले ही मुफ्त अनाज देने पर दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है. इस योजना को भी एक साल के लिए बढ़ा दिया है. इसको आगे भी बढ़ाने की स्थिति आने की संभावना है. ऐसे में सरकार के पास सबसे बड़ी चुनौती है कि खर्च और आमदनी के अंतर को तय लक्ष्य के भीतर कैसे रखा जाए. वैसे भी सरकार पर कुल कर्ज 150 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो चुका है. यही वजह है कि आम लोगों को राहत देने से पहले काफी गुणा भाग किया जा रहा है.