AIN NEWS 1: बता दें सीरियाई सीमा से लगे तुर्की के इन शहरों में कई दफे आईएसआईएस के लड़ाके आके छिपते हैं और मौका मिलते ही सीमा पार कर यहां से सीरिया भाग जाते हैं.तुर्की के दक्षिण में सीरियाई सीमा के पास सोमवार तड़के आए एक बहुत शक्तिशाली भूकंप ने तुर्की और सीरिया में कई हजारों लोगों की जान ले ली है. सोशल मीडिया पर कई वीडियो अभी तक सामने आए हैं जिसमें कई बड़ी-बड़ी इमारतें जमींदोज होती दिख रही है. अकेले तुर्की में ही इस भूकंप से अब तक लगभग एक हजार से अधिक लोगों की जान चली गई है. भूकंप में तुर्की का जो हिस्सा सबसे अधिक तबाह हुआ है, वह ‘आईएसआईएस का द्वार’ ही कहा जाता है. इसी इलाके से होकर हजारों विदेशी इस्लामिक स्टेट (ISIS) में शामिल होने के लिए अक्सर सीरिया जाते हैं.

बताया जा रहा है कि भूकंप का पहला झटका सीरियाई सीमा के पास गाजिएनटेप में कहमानरमारश के पास ही महसूस किया गया. भूकंप की तीव्रता 7.8 थी जिससे इलाके की इमारतें देखते ही देखते ताश के पत्तो की तरह ढह गईं. हताए प्रांत की इमारतों को भी काफ़ी ज्यादा भारी नुकसान हुआ.

जाने दोनों देशों के बीच सैकड़ों मील लंबी सीमा

सीरिया के साथ तुर्की की सीमा कुछ 500 मील लंबी है. दोनों देशों के बीच की अधिकांश सीमा में पहाड़ी छेत्र है. इस सीमा को इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए आने वाले विदेशियों का प्रवेश द्वार भी कहा जाता है. सालों पहले सीरिया के साथ तुर्की की यही सीमा तस्करों द्वारा इस्तेमाल की जाती थी लेकिन बाद में इस्लामिक स्टेट ने इन रास्तों पर अपना कब्जा कर लिया. साल 2014 के आते-आते इस्लामिक स्टेट ने इस सीमा से लगे सभी बड़े मार्गों पर अपना पूरा कब्जा कर लिया था.इस रास्ते का इस्तेमाल कर कई देशों के मुसलमान इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए सीरिया जाते थे. साल 2015 में भारत से भी कई मुसलमान इस्लामिक स्टेट में शामिल होने के लिए तुर्की के इसी रास्ते सीरिया जाने के क्रम में कई बार पकड़े गए थे. पकड़े जाने वालों लोगों ने बताया था कि उन्हें कहा गया कि वो टूरिस्ट वीजा से केवल तुर्की आ जाएं और फिर कुछ दिन वहां रहने के बाद यहां से ही सीरिया भाग आएं.

जान ले ‘तुर्की ने की थी इस्लामिक स्टेट की मदद’

माना जाता है कि तुर्की ने इस्लामिक स्टेट को यह रास्ता देने में काफ़ी मदद भी की थी. तुर्की सीरिया के कुर्द लड़ाकों को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता है और उनके खिलाफ उसने कई सारे हमले भी किए हैं. इस्लामिक स्टेट कुर्द लड़ाकों के खिलाफ ही लड़ रहा था जिसे देखते हुए तुर्की ने इस्लामिक स्टेट के लिए अपनी सीमा पर ज्यादा सख्ती नहीं दिखाई । उस दौरान तुर्की इस्लामिक स्टेट को आतंकवादी संगठन कहने से भी बचता हुआ दिखाई देता था. तुर्की के पूर्व राष्ट्रपति अहमत दावुतोग्लू ने इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों को आतंकवादी कहने से भी इनकार करते हुए कहा था, ‘इस्लामिक स्टेट केवल निराश युवा बच्चों का एक समूह है.’

साल 2016 में इस्लामिक स्टेट और तुर्की के रिश्ते आपस मे खराब होने शुरू हुए जिसके बाद तुर्की ने इस्लामिक स्टेट पर अपनी नकेल कसनी शुरू की थी. हालांकि, अब भी तुर्की के इन शहरों से इस्लामिक स्टेट से जुड़े लोगों को कई बार गिरफ्तार किया जाता रहा है. लेकिन अब इस इलाके का अधिकांश हिस्सा भूकंप में तबाह हो गया है.

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