AIN NEWS 1: नोएडा और ग्रेटर नोएडा के हज़ारों फ्लैट खरीदारों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना सामने आई है। उत्तर प्रदेश भू-सम्पदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) ने गौतमबुद्ध नगर के 5 प्रमुख बिल्डरों की परियोजनाओं से जुड़े आवंटियों को एक अहम निर्देश जारी किया है। एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल) के आदेश के अनुसार, इन बिल्डरों के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की गई है। इसके तहत कॉर्पोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (सीआईआरपी) की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है। इसलिए, अब आवंटियों को अपने दावे यूपी रेरा की बजाए इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) के समक्ष प्रस्तुत करने होंगे।
प्रभावित बिल्डर और उनकी परियोजनाएं:
1. सुपरटेक रियल्टर्स प्राइवेट लिमिटेड:
– परियोजनाएं: सुपरनोवा फेज 1, 2, 3, और 4
– आईआरपी: अंजू अग्रवाल
2. सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट्स लिमिटेड:
– परियोजनाएं: गोल्फ कंट्री फेज-1, 2, 3, और 4
– आईआरपी: उमेश सिंघल
3. अजनारा रियलटेक लिमिटेड:
– परियोजनाएं: प्राइम टावर, ली गार्डेन, ली गार्डेन फेज-1, 2, 3, और 4
– आईआरपी: अमर पाल
4. रुद्रा बिल्डवेल कंस्ट्रक्शंस प्राइवेट लिमिटेड:
– परियोजना: केबीनोज
– आईआरपी: मोहित गोयल
5. गायत्री हॉस्पिटैलिटी रियलकॉन लिमिटेड:
– परियोजना: गायत्री औरा
– आईआरपी: आनंद सोनभद्र
आवंटियों के लिए निर्देश:
यूपी रेरा ने स्पष्ट किया है कि इन कंपनियों के खिलाफ चल रहे मामले अब रेरा में नहीं, बल्कि आईआरपी के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। एनसीएलटी के आदेश के तहत इन कंपनियों के खिलाफ किसी भी कानूनी कार्रवाई या रेरा में लंबित शिकायतें स्थगित कर दी गई हैं। यदि आवंटियों ने समय पर अपने दावे आईआरपी के पास प्रस्तुत नहीं किए, तो उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ सकता है।
यूपी रेरा के अध्यक्ष संजय भूसरेड्डी ने कहा कि प्राधिकरण एनसीएलटी के आदेशों का पालन कर रहा है और आवंटियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सूचित किया जा रहा है। उन्होंने आवंटियों से अपील की है कि वे सजग रहें और समय पर अपने दावे आईआरपी के समक्ष प्रस्तुत करें। इस सूचना का उद्देश्य आवंटियों को किसी भी संभावित नुकसान से बचाना है, ताकि वे समय पर कार्रवाई कर सकें और उनके अधिकारों की रक्षा हो सके।