AIN NEWS 1 | स्वतंत्रता संग्राम में महात्मा गांधी का योगदान अनमोल है। उनके द्वारा चलाए गए आंदोलनों ने न केवल भारतीय समाज को जागरूक किया बल्कि ब्रिटिश शासन की नींव भी हिला दी। इस स्वतंत्रता दिवस पर, हम गांधी जी के उन पाँच प्रमुख आंदोलनों को याद करते हैं, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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Toggle1. चंपारण सत्याग्रह (1917)
चंपारण सत्याग्रह महात्मा गांधी के नेतृत्व में शुरू हुआ भारत का पहला नागरिक अवज्ञा आंदोलन था। यह आंदोलन बिहार के चंपारण जिले में नील की खेती करने वाले किसानों की समस्याओं को लेकर शुरू हुआ। गांधी जी ने इस आंदोलन के माध्यम से पहली बार सत्याग्रह का प्रयोग किया, जो अहिंसक प्रतिरोध पर आधारित था। इस आंदोलन ने गांधी जी को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक नई दिशा दी।
2. असहयोग आंदोलन (1920)
जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद देश में फैले आक्रोश के बीच, महात्मा गांधी ने 1920 में असहयोग आंदोलन की शुरुआत की। इस आंदोलन में जनता से ब्रिटिश सरकार के साथ सहयोग न करने का आह्वान किया गया। छात्रों ने स्कूल-कॉलेज छोड़ दिए, वकीलों ने अदालतों में जाना बंद कर दिया, और मजदूरों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। यह आंदोलन पूरी तरह अहिंसात्मक था, लेकिन चौरी-चौरा कांड के बाद गांधी जी ने इसे वापस ले लिया। इसके बावजूद, असहयोग आंदोलन ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई जागृति दी।
3. नमक सत्याग्रह (1930)
महात्मा गांधी ने 1930 में नमक कानून के खिलाफ नमक सत्याग्रह की शुरुआत की। उन्होंने 12 मार्च 1930 को साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिन का पैदल मार्च निकाला, जिसे दांडी मार्च के नाम से जाना जाता है। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के नमक पर लगाए गए कर का विरोध करना था। इस आंदोलन ने पूरे देश में ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह की चिंगारी भड़काई और अंततः गांधी-इरविन समझौते के रूप में इसका समाधान हुआ।
4. हरिजन आंदोलन (1933)
महात्मा गांधी ने 1933 में छुआछूत के खिलाफ हरिजन आंदोलन की शुरुआत की। उन्होंने दलित समुदाय के लिए ‘हरिजन’ नाम दिया और छुआछूत को समाप्त करने के लिए व्यापक अभियान चलाया। गांधी जी ने इस दौरान आत्म-शुद्धि के लिए 21 दिन का उपवास भी किया। उन्होंने अखिल भारतीय छुआछूत विरोधी लीग की स्थापना की और ‘हरिजन’ नामक साप्ताहिक पत्र का भी प्रकाशन किया। यह आंदोलन समाज में समानता और न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।
5. भारत छोड़ो आंदोलन (1942)
महात्मा गांधी के नेतृत्व में 9 अगस्त 1942 को शुरू हुआ भारत छोड़ो आंदोलन, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे महत्वपूर्ण आंदोलन था। गांधी जी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया, जिसने देश भर में अंग्रेजी शासन के खिलाफ विद्रोह की लहर पैदा कर दी। इस आंदोलन ने ब्रिटिश सरकार की मुश्किलें बढ़ा दीं और इसे खत्म करने में उन्हें एक साल से ज्यादा का समय लगा। भारत छोड़ो आंदोलन ने भारत की स्वतंत्रता की दिशा में अंतिम और निर्णायक कदम रखा।
इन आंदोलनों ने महात्मा गांधी को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का सबसे प्रमुख नेता बना दिया और उनकी अहिंसात्मक नीतियों ने दुनिया भर में उन्हें एक महान व्यक्ति के रूप में स्थापित किया।