Saturday, November 23, 2024

लाखों लोग एक छत के नीचे रह रहे हैं। इनमें अटूट श्रद्धा का भाव देखा जा सकता है।

पानीपत के भोड़वाल माजरी में इन दिनों लाखों लोग एक छत के नीचे रह रहे हैं। इनमें अटूट श्रद्धा का भाव देखा जा सकता है। रहने, खाने और स्‍वास्‍थ्‍य का सेवा भाव यहां हर किसी में भरपूर देखने को मिल रहा है। एक दूसरे के प्रति मानवता की भावना देश विदेश से लोगों को यहा ला रही है।

- Advertisement -
Ads
- Advertisement -
Ads

AIN NEWS 1: बता दें पानीपत के भोड़वाल माजरी में इन दिनों लाखों लोग एक छत के नीचे रह रहे हैं। इनमें अटूट श्रद्धा का भाव देखा जा सकता है। रहने, खाने और स्‍वास्‍थ्‍य का सेवा भाव यहां हर किसी में भरपूर देखने को मिल रहा है। एक दूसरे के प्रति मानवता की भावना देश विदेश से लोगों को यहा ला रही है।

यहां करीब 5 लाख लोग, 630 एकड़ क्षेत्र में रह रहे

समालखा के भोड़वाल माजरी स्थित आध्यात्मिक स्थल पर चल रहे 75वें संत निरंकारी समागम में श्रद्धालुओं की भीड़ दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। मिशन का दावा है कि हाल में यहां अभी पांच लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। मिशन से जुड़े युवा व बुजुर्ग से लेकर नेत्रहीन व दिव्यांगों तक को आस्था सैंकड़ों किलोमीटर दूर से यहां खींच ला रही है। करीब 630 एकड़ क्षेत्र में हो रहे समागम में 24 घंटे ही चहल पहल है। मानों कोई अलग ही नगरी बसी हो। वहीं आज और कल श्रद्धालुओं की संख्या और ज्यादा बढ़ेगी। माना तो यह जा रहा है कि करीब 250 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले श्रद्धालु छुट्टी के चलते इन दिनों में आकर समागम में शामिल होंगे। ऐसे में समागम में श्रद्धालुओं की भीड़ का आंकड़ा सात लाख के आस पास पहुंच सकता है।

बता दें यहां रुकने से लेकर खाने पीने तक की पूरी व्यवस्था

यहां समागम में आने वाले श्रद्धालुओं के रुकने से लेकर खाने व पीने तक की पूरी व्यवस्था है। पूरे क्षेत्र को कुल चार ब्लाक में बांटा गया है। हर ब्लाक में अलग लंगर बनता है। जहां सुबह नाश्ते के साथ शुरुआत होती है और देर रात तक खाना मिलता रहता है। हर रोज 400 क्विंटल से ज्यादा चावल, 250 क्विंटल से ज्यादा दाल, 7 लाख से ज्यादा रोटियां यहां बनती हैं। वहीं हर ब्लाक में कैंटीनें भी खोली गई है। इनमें श्रद्धालुओं को रियायती दर पर चाय, काफी, पानी, ब्रेड पकौड़े आदि सभी चीजे मिलती हैं।

सतगुरु के दर्शनों को लेकर लग रही लंबी कतारें

यहां हर रोज दोपहर डेढ़ बजे से पंडाल में सत्संग कार्यक्रम की शुरुआत होती है। जहां मंच पर सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज भी अपने जीवन साथी रमित के साथ विराजमान होती हैं। वहीं उनके दर्शनों को लेकर पंडाल के दोनों तरफ नमस्कारी श्रद्धालुओं की काफ़ी लंबी लंबी कतारें लगती है। घंटों घंटों में श्रद्धालुओं का नंबर आता है, लेकिन न कोई आपाधापी और न मारामारी। यहां एकदम अनुशासन के साथ लाइन में खड़े होकर हर कोई अपनी बारी के इंतजार में रहता है।

इस समागम मे नेत्रहीन भी पहुंचे

देश के कोने कोने से दिव्यांग भी समागम में शामिल हो सतगुरु के दर्शन करने के लिए यहां पहुंचे हैं। इनमें कोई पूरी तरह से नेत्रहीन है तो कोई चलने फिरने में ही असमर्थ है। लेकिन सतगुरू के प्रति उनकी आस्था उन्हें सैंकड़ों किलोमीटर से यहां तक खींच लाई है। पूछने पर कहते है कि क्या हुआ, आंखों में ही तो रोशनी नहीं हैं, लेकिन सतगुरू का दिल में जगाया उजाला तो है। वहीं पूर्व सैनिक भी ब्रह्मज्ञान लेकर समागम में अपनी सेवा काफ़ी मात्रा मे दे रहे हैं।

- Advertisement -
Ads
Ads

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Advertisement
Polls
Trending
Rashifal
Live Cricket Score
Weather Forecast
Latest news
Related news
- Advertisement -
Ads