डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर 2030 तक 70 करोड़ ट्रांजेक्शंस होंगे
मौजूदा वक्त में 35 करोड़ लोग करते हैं ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस
ई-कॉमर्स, खरीदारी, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी, OTT का आंकड़ा
AIN NEWS 1: बता दें भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल में कोरोना के बाद से लगातार बढ़ोतरी हो रही है। केवल ऑनलाइन शॉपिंग ही नहीं बल्कि ट्रेन टिकट से लेकर होटल बुकिंग तक हर जगह डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की मदद लोग ले रहे हैं। इसकी एक वजह भारत में सस्ते स्मार्टफोन का आगाज और सस्ता डेटा भी है। लेकिन सबसे बड़ी वजह है कि इस ऑनलाइन दुनिया ने इतनी सहूलियतें मुहैया कराई हैं कि लोगों के लिए अब लंबी लाइनों से लेकर हर काम के लिए घर से बाहर निकलने की बंदिशें खत्म हो गई हैं। ऐसे में इस चलन के आगे भी बढ़ते रहने का अनुमान है जिसके असर से रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स ने दावा किया है कि भारत में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लेन देन की संख्या मौजूदा 35 करोड़ से बढ़कर 2030 तक 70 करोड़ पर पहुंच सकती है। ये आंकड़ा ई-कॉमर्स, खरीदारी, ट्रैवल और हॉस्पिटैलिटी, OTT समेत डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर लेनदेन की कुल संख्या है। रिपोर्ट के मुताबिक किफायती स्मार्टफोन और सस्ते डेटा की वजह से भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में तेज इजाफा हुआ है।
ऑनलाइन खर्च का बनेगा रिकॉर्ड
ये लेन देन भी केवल 4 से साढ़े 4 करोड़ लोग करते हैं। जाहिर है जब ट्रांजेक्शंस में तेजी आएगी और ज्यादा लोगों की पहुंच ऑनलाइन खरीदारी तक बढ़ेगी तो फिर ये आंकड़ा 2030 तक दोगुना होने का अनुमान सटीक बैठने की पूरी संभावना है। रेडसीर स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट्स के मुताबिक लेन-देन दोगुना होने के साथ ही खर्च में भी भरपूर इजाफा होगा जो 2030 तक 400 अरब डॉलर के ऑनलाइन खर्च के आंकड़े को छू सकता है। इस रिपोर्ट के मुताबिक सबसे ज्यादा डिजिटल ग्राहक टियर टू शहरों से आते हैं।
गेमिंग ने बढ़ाई ऑनलाइन खरीदारी
रेडसीर ने गेमिंग को सबसे तेजी से उभरता हुआ मार्केट बताया है जो ई-कॉमर्स के बाद यूजर्स के मामले में दूसरे नंबर पर है। रिपोर्ट के मुताबिक 2022 में भारत में 45 करोड़ गेमिंग यूजर्स थे और गेमिंग मार्केट में 2026 तक पेड गेमर्स की संख्या मौजूदा 11 करोड़ के मुकाबले 33 फीसदी बढ़ने का अनुमान है। ये यूजर्स देश के कोने कोने में फैले हुए हैं और रमी, पोकर जैसे गेम्स पर पैसा खर्च करते हैं। भारत में ऑलनाइन दुनिया के बढ़ते चलन की वजह से भारतीय औसतन 7.3 घंटे रोजाना अपने स्मार्टफोन पर बिताते हैं जो दुनिया में सबसे ज्यादा में से एक है। इस दौरान भारतीय सोशल मीडिया, यू-ट्यूब, OTT कंटेंट को देखने में समय जाया करते हैं। रेडसीर के मुताबिक इस ग्रोथ में तेजी की बानगी UPI ट्रांजेक्शंस में बढ़ोतरी के साथ देखी जा रही है। लोगों के पास पेमेंट करने के आसान साधन हैं और अब ऑफलाइन वॉलेट पर ऑनलाइन वॉलेट भारी होता जा रहा है।