AIN NEWS 1: बता दें दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सड़कों पर पोस्टर लगाने के मामले में पुलिस ने क़रीब 100 FIR दर्ज की हैं। ये सभी के सभी केस प्रिंटिंग प्रेस एक्ट और प्रॉपर्टी डिफेसमेंट एक्ट के तहत ही दर्ज किए गए हैं। वहीं पर आम आदमी पार्टी (AAP) के ऑफिस से बाहर निकलते हुए एक वैन से भी काफ़ी ज्यादा मात्रा में पोस्टर पुलिस द्वारा जब्त किए गए। इस केस में भी 6 लोगों को मौके से गिरफ्तार किया गया है।पुलिस के मुताबिक दिल्ली के ही कुछ हिस्सों में ‘मोदी हटाओ देश बचाओ’ नारों वाले काफ़ी पोस्टर लगे थे। और इन सभी पोस्टरों में किसी भी प्रिंटिंग प्रेस का कोई ब्योरा नहीं था। आईपी स्टेट थाने के एक कॉन्स्टेबल ने पप्पू मेहता नाम के एक शख्स को दीवार पर पोस्टर लगाते हुए मौके से पकड़ा था। पप्पू के पास से भी कुल 38 बंडल पोस्टर के मिले थे।
इस मामले में आम आदमी पार्टी ने पूछा- के इन पोस्टर में कुछ आपत्तिजनक है क्या
इस मामले में आम आदमी पार्टी का नाम आने के बाद से ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी लिखा गया है- की मोदी सरकार की तानाशाही अब चरम पर है। आख़िर इन पोस्टर में ऐसा क्या आपत्तिजनक है, जो इसे लगाने पर ही मोदी जी ने क़रीब 100 FIR कर दीं ? आगे लिखा PM मोदी आपको शायद पता नहीं, पर भारत एक लोकतांत्रिक देश है, एक पोस्टरसे इतना डर क्यों?
जाने पकड़े गए लोगों ने बताया – 50 हजार पोस्टर का ऑर्डर था
न्यूज एजेंसी ANI के मुताबबिक, स्पेशल कमिश्नर ऑफ पुलिस दीपेंद्र पाठक ने मिडिया को बताया, ‘दो प्रिंटिंग प्रेस फर्म को ऐसे 50-50 हजार पोस्टर बनाने का ऑर्डर मिला था। कंपनियों से जुड़े कर्मचारियों ने रविवार देर रात से सोमवार सुबह तक इनमें से कई पोस्टर शहर के अलग-अलग इलाकों में भी लगाए । पुलिस ने इस पर प्रिंटिंग प्रेस का नाम प्रकाशित न करने के आरोप में मालिकों को भी गिरफ्तार किया है। ‘पकड़े गए लोगों ने बताया – के कुल 50 हजार पोस्टर का ऑर्डर था ।
यह 17 मार्च को पोस्टर छापने का ऑर्डर मिला था। उसके बाद ये सभी पोस्टर 19 मार्च की रात को अलग-अलग लोगों को अलग अलग जगह चिपकाने के लिए दिए गए थे। और इन पोस्टर को चिपकाने का काम 20 मार्च की सुबह तक चला।
इसी प्रकार से दो साल पहले भी दिल्ली में एंटी मोदी पोस्टर लगे थे
एक रिपोर्ट्स के मुताबिक ऐसा ही एक मामला दो साल पहले भी दिल्ली में सामने आया था। जब दिल्ली में ही कोविड वैक्सीनेशन ड्राइव के दौरान मोदी की आलोचना करने वाले काफ़ी पोस्टर लगाए गए थे। तब भी दिल्ली पुलिस ने लगभग 30 लोगों को वहां से गिरफ्तार किया था। वहीं, इस मामले में 25 FIR दर्ज की गई थीं।