गैर मेट्रो शहरों में नौकरियों के मौके
गैर IT सेक्टर में जॉब्स की भरमार
नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स की रिपोर्ट
AIN NEWS 1: देश में नौकरियां देने के मामले में गैर मेट्रो शहरों ने मार्च में फिर से दम दिखाया है। ये हाल तब है जबकि मार्च के महीने में भारतीय कंपनियों ने हायरिंग के मामले में सतर्कता बरती है। नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स के मुताबिक वैसे तो मार्च में हायरिंग फरवरी के मुकाबले करीब-करीब बराबर ही रही है लेकिन मार्च 2022 के मुकाबले इसमें 5 फीसदी का इजाफा हुआ है। नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स मार्च में 2979 पर रहा है। इसकी वजह गैर टेक और गैर मेट्रो शहरों में हायरिंग गतिविधियों का बढ़ना रहा है।
गैर मेट्रो शहरों में नौकरियों के मौके
अगर अलग-अलग सेक्टर्स की बात करें तो इंश्योरेंस सेक्टर में मार्च में हायरिंग 108 परसेंट बढ़ गई है जिसकी वजह टैक्स सेविंग के लिए साल के आखिर में बीमा पॉलिसी की डिमांड है। इसके साथ ही मार्च में दुनियाभर के बैंकिंग संकट के बावजूद भारत के बैंकिंग सेक्टर में डिजिटल बैंकिंग सेवाओं के विस्तार के असर से हायरिंग एक्टिविटीज में 45 फीसदी की तेजी आई है। लेकिन अगर नौकरियों के मामले में सबसे आगे रहने वाले आईटी सेक्टर की बात करें तो यहां पर नई नौकरियों के मौके पैदा होने की रफ्तार 17 फ़ीसदी कम हो गई है। हायरिंग की रफ्तार में कमी दिग्गज आईटी कंपनियों के साथ ही यूनिकार्न्स में भी देखी गई है।
गैर IT सेक्टर में जॉब्स की भरमार
दिलचस्प बात है कि नए स्टार्टअप्स से लेकर मिड लेवल के स्टार्टअप्स तक में हायरिंग की रफ्तार तकरीबन पिछले साल के बराबर ही देखी जा रही है। इस बीच हैरानी की बात है कि अभी तक भरपूर डिमांड में रहे।डाटा इंजीनियर्स की डिमांड मार्च में 20 फीसदी, DevOps की डिमांड 9 परसेंट और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट इंजीनियर की डिमांड 6 परसेंट घट गई है। लेकिन मशीन लर्निंग जैसे नए रोल्स में हायरिंग की डिमांड बढ़ी है। भारत के मार्केट के हिसाब से देखा जाए तो सुस्त माहौल के बावजूद BFSI सेक्टर में हो रही ग्रोथ भारतीय इकॉनमी के दमखम को दिखा रही है। खासकर जिस तरह से गैर मेट्रो शहरों में नौकरियों के मौके बढ़ते जा रहे हैं उससे भारत में नौकरियों की उपलब्धता में एक बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
नौकरी जॉब स्पीक इंडेक्स की रिपोर्ट
अगर दूसरे गैर ट्रेक सेक्टर्स की बात करें तो ऑयल सेक्टर में 36 फीसदी, रियल एस्टेट में 31 परसेंट, एफएमसीजी में 14 फ़ीसदी और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में नई नौकरियों के मौके 7 फीसदी बढ़े हैं। लेकिन इस बढ़ोतरी के बीच रिटेल सेक्टर में नौकरियों के मौके 4 फ़ीसदी, एजुकेशन और बीपीओ सेक्टर में 2 फ़ीसदी घटे हैं। गैर मेट्रो शहरों में नौकरियां देने के मामले में बड़ौदा में 50 फ़ीसदी, अहमदाबाद में 49 फ़ीसदी, जयपुर में 29 फ़ीसदी और कोच्चि में नई नौकरियों के मौके 13 फ़ीसदी बढ़े हैं।
बीमा सेक्टर में नौकरियों की बरसात
BFSI के अलावा रियल एस्टेट और बीपीओ सेक्टर ने हायरिंग एक्टिविटी को गैर मेट्रो शहरों में बढ़ाने में मदद की है। अगर मेट्रो शहरों की बात करें तो मुंबई में नई नौकरियों के मौके 17 फ़ीसदी और दिल्ली एनसीआर में 7 फ़ीसदी बढ़े हैं। इसकी वजह इंश्योरेंस सेक्टर में हायरिंग का बढ़ना रहा है। इसके अलावा बेंगलुरु में नौकरिायों के मौके 12 फ़ीसदी, हैदराबाद में 11 फ़ीसदी और पुणे में 2 फ़ीसदी कम हुए हैं। इसकी मुख्य वजह आईटी सेक्टर में छाई सुस्ती रही है। जिन मेट्रो शहरों में हायरिंग बढ़ी है वहां इंश्योरेंस और रियल एस्टेट समेत आटोमोटिव जैसे सेक्टर्स ने इसे बढ़ाया है। इसके अलावा नौकरियां पाने में मिड लेवल प्रोफेशनल्स को पिछले साल के मुकाबले 14 फ़ीसदी ज़्यादा नौकरियों के मौके मिले हैं। हालांकि एंट्री लेवल पर हायरिंग गतिविधियां पिछले साल के बराबर ही बनी हुई है।