इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ी
सरकारी सब्सिडी बनी गेम चेंजर
2030 तक आएगा बिक्री में उछाल
AIN NEWS 1: कारोबारी साल 2022-23 में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री का रिकॉर्ड बनाने के बाद इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग इस रफ्तार को जारी रखने के लिए तैयार है। इस तेजी का सबसे ज्यादा श्रेय सरकार की तरफ से इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई योजनाओं को दिया जा रहा है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कार बाजार है। इसकी रफ्तार को आगे बढ़ाने में ग्राहकों, स्थानीय बैटरी निर्माण, राज्य स्तर पर सब्सिडी और जीएसटी दरों में कटौती समेत सरकारी प्रोत्साहन से मदद मिलेगी।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ी
मूडीज ने एक बयान में कहा है कि अलग अलग सरकारी प्रोत्साहन योजनाएं इलेक्ट्रिक वाहनों की पैठ बढ़ाने में मददागर होंगी। इनमें बैटरी स्टोरेज के लिए उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन भी शामिल हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के इस सुनहरे भविष्य की वजह भारतीय वाहन बाजार की टॉप स्पीड है। 2022 में चीन और अमेरिका के बाद जापान को पछाड़ भारत तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन गया है। हालांकि इसमें इलेक्ट्रिक वाहन का हिस्सा बेहद कम है।
सरकारी सब्सिडी बनी गेम चेंजर
ऐसे में सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी बढ़ाने पर फोकस कर रही है। इसके तहत सरकार का लक्ष्य है कि 2030 तक ईवी बिक्री को 30 फीसदी तक बढ़ाया जाए। जिसमें निजी कारों की बिक्री 30 फीसदी, -कमर्शियल वाहनों की बिक्री 70 परसेंट और दोपहिया और तिपहिया वाहनों की बिक्री 80 फीसदी तक बढ़ाने की है।
2030 तक आएगा बिक्री में उछाल
मूडीज के मुताबिक, देश के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के सहारे ईवी की बिक्री में बढ़ोतरी हो सकती है। इससे पेट्रोल और डीजल इंजनों से चलने वाले वाहनों से ईवी पर स्विच करने की रफ्तार बढ़ेगी जो आखिरकार ईवी की बिक्री को बढ़ाएगी। हालांकि ग्लोबल बिक्री के सामने भारत अभी भी काफी दूर है क्योंकि दुनिया में पिछले साल 80 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई थी। इसमें से 65 फीसदी अकेले चीन में हुई थी। जबकि यूरोप का कुल बिक्री में 20 परसेंट हिस्सा था लेकिन नए वाहनों के रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी से मूडीज को भरोसा है कि भारत की हिस्स्दारी 2030 तक मौजूदा 10 फीसदी से बढ़कर 33 और 2035 तक 50 फीसदी हो जाएगी।