Ainnews1: पिछले कुछ समय से देखा गया था कि सरसों के तेल की कीमतें लगातार आसमान छू रही थी! यहां तक कि पिछले समय तो सरसों का तेल ₹200 प्रति लीटर तक मार्किट रेट हो गया था ! सरसों के रेट बढ़ने के पीछे वजह यह थी कि सरसों का रेट लगभग दोगुना हो गया था! इस गणित को हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि अगर बाजार में सरसों 6000 से ₹7000 प्रति क्विंटल बिक रही है! यानी कि ₹60 के रेट पर अगर सरसों बिक रही है तो इस हिसाब से 3 किलो सरसों में मात्र 1 किलो शुद्ध सरसों का तेल निकलता है! यानी कि यहां पर लागत ₹180 हो पहुंच जाती है! इसके अलावा कंपनियों के अन्य खर्च भी होते हैं! जिसकी ट्रांसपोर्ट का खर्च मजदूर खर्चे! 3 किलो सरसों से एक किलो शुद्ध सरसों का तेल ही निकलता है तो 2 किलो खल निकलती है! खल की बाजार में कीमत ₹30 प्रति किलो के आसपास सेल हो जाती है और जब कोई कंपनी सरसों का तेल या कोई भी प्रोडक्ट तैयार करते हैं और उसको आगे सप्लाई करते हैं तो कई लोगों का मार्जन होता है! यानी कि डिस्ट्रीब्यूटर होलसेलर दुकानदार इस तरीके से कीमतें ₹200 होना वाजिब हो जाता है! मगर फिर भी आपको सरसों तेल सस्ता मिल जाता है! इसके पीछे बड़ा कारण यह है अगर सही तरीके से शुद्ध सरसों के तेल का हिसाब लगाया जाए तो उसकी कीमत आज भी 180 से ₹200 प्रति लीटर होनी चाहिए! सस्ता करने के लिये सरसों तेल में लोग मिलावट कर देते हैं! जिससे कीमतें कम हो जाती है! सरसों के तेल में अन्य खाद्य तेलों की मिलावट कर दी जाती है! जिससे लोगों तक तेल सस्ता पहुंचता है!अब सरसों के तेल पर सरकार ने कुछ फैसले भी लिए हैं! बाहर जाने वाले अन्य खाद्य तेलों पर उन्होंने निर्यात शुल्क ज्यादा लगा दिया है! जिससे बाहर के देशों में अब तेल नहीं भेजा जाता! इसलिए उनकी कीमतें यहां पर गिर गई है! अभी आपको बाजार में कुछ समय में ही सरसों की तेल की कीमत ₹155 प्रति लीटर तक देखने को मिल सकती हैं! सरकार द्वारा लिए गए फैसलों से धीरे-धीरे इसका असर तेल की कीमतों पर होता दिखाई देगा!