Saturday, November 23, 2024

डेडलाइन करीब फिर भी क्यों सुलग रहे दिल्ली में कूड़े के पहाड़ ?

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डेडलाइन करीब फिर भी क्यों सुलग रहे दिल्ली में कूड़े के पहाड़ ?

राजधानी दिल्ली में मानसून पहुंचने के पहले बढ़ते हुए तापमान से दिल्ली के सबसे पुरानी लैंडफिल साइट गाजीपुर में दोपहर में आग लगी तो धुएं का गुबार उठ गया. दमकल की 13 गाड़ियों ने युद्ध स्तर पर काम किया तब जाकर देर रात आग पर काबू किया गया.
गाजीपुर लैंडफिल पर खोड़ा कॉलोनी की तरफ लगी हुई सीजन की इस पहली आग ने बहुत सारे सवाल खड़े कर दिए हैं. तापमान बढ़ने के साथ ही इन लैंडफिल साइट्स पर आग बुझाने के इंतजामों की पड़ताल हमने की.
वेस्ट मैनेजमेंट के एक्सपर्ट अनिल सूद कहते हैं कि हल्की बारिश के बाद जैसे ही तापमान बढ़ता है पानी कूड़े के पहाड़ की आखिरी सतह पर जाता है जो तमाम रिएक्शंस के बाद मेथेन गैस क्रिएट करता है. सोमवार को जैसे ही आग लगी तो उसे बुझाने के लिए दमकल की 13 गाड़ियां लगाई गईं. आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है.
दिल्ली फायर सर्विस के डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर डॉक्टर संजय तोमर ने बताया की ज्यादा तापमान में कूड़े के कागज भी आग पकड़ते हैं और मीथेन गैस से कूड़े में आग लग जाती है. वहीं आसपास के लोग पीने के बाद बीड़ी या सिगरेट जलती हुई फेंक देते हैं तो भी आग लग जाती है लेकिन सोमवार की आग की वजह का पता कर रहे हैं.
कब-कब लगी आग?
आंकड़ों में देखें तो 2019-20 में गाजीपुर लैंडफिल में आग लगने की 32 कॉल आई. साल 2020-21 में 2, साल 2022-23 में एक, साल 2021- 22 में 2, साल 2023-24 में आग लगने की एक घटना दर्ज की गई. साल 2023 में 31 मार्च तक का आंकड़ा यह बताता है कि गाजीपुर और ओखला में आग लगने की एक भी कॉल नहीं मिली.
सीसीटीवी के जरिए आग की घटनाओं पर नजर
आपको बता दें कि इन कूड़े के पहाड़ पर वाटर स्प्रिंकलर टैंकर तैनात होते हैं. साथ ही मेथेन गैस के बाहर निकलने के लिए पाइप्स भी लगी होती हैं, जहां पर गाजीपुर में 22 सीसीटीवी कैमरा तो वहीं ओखला लैंडफिल साइट में 35 सीसीटीवी कैमरे की जद में हैं. भलस्वा साइट पर 31 सीसीटीवी कैमरे आग लगने की घटनाओं पर नजर रखते हैं.
समर एक्शन प्लान में आग पर फोकस
दिल्ली सरकार के समर एक्शन प्लान में आग लगने की घटनाओं को लेकर 14 विभागीय सदस्यों वाली एक्टिव एक टीम लगातार नजर रखेगी ताकि लैंडफिल फायर की घटनाओं को रोका जा सके. वहीं एमसीडी के तरफ से 24 घंटे तैनात इंजीनियर साइट की चैकिंग करता रहता है वहीं ऊपर पहाड़ पर हर किसी को जाने की इजाजत नहीं होती है.
कब हैं लैंडफिल खत्म होने की डेडलाइन?
दिल्ली के ओखला लैंडफिल के खत्म होने की डेडलाइन दिसंबर 2023, भलस्वा की मार्च 2024 तो दिसंबर 2024 में गाजीपुर की लैंडफिल साइट को खत्म करने की डेडलाइन निश्चित की गई है. लेकिन डेडलाइन के करीब आते ही ये पहाड़ सुलगने लगे हैं ताजा वाकया है गाजीपुर लैंडफिल साइट का है.

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