पीएम मोदी से अमेरिका में सवाल पूछने वाली पत्रकार पर हो रहे ‘ऑनलाइन हमले’, व्हाइट हाउस ने कहा- ये लोकतंत्र के सिद्धांतों के खिलाफ !
व्हाइट हाउस ने सोमवार को कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की राजकीय यात्रा के दौरान उनसे सवाल पूछने वाली पत्रकार का ‘ऑनलाइन उत्पीड़न’ पूरी तरह से अस्वीकार्य और लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत है।
दरअसल, वॉल स्ट्रीट जर्नल की सबरीना सिद्दीकी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ पीएम मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे पूछा था कि सरकार ने भारत में मुसलमानों और अन्य अल्पसंख्यकों के अधिकारों में सुधार के लिए क्या कुछ किया है।
इसके जवाब में पीएम मोदी ने कहा था कि ‘लोकतंत्र हमारी रगों में दौड़ता है’। उन्होंने आगे कहा कि जाति, पंथ या धर्म के आधार पर भेदभाव के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है।
सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पत्रकार केली ओ’डोनेल ने कहा कि सबरीना सिद्दीकी को ‘भारत के अंदर से कुछ लोगों द्वारा तीव्र ऑनलाइन उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा है।’ उन्होंने कहा कि ‘हमला करने वालों में से कुछ राजनेता हैं।’ रिपोर्टर ने इसी मामले पर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया मांगी थी।
इस पर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में रणनीतिक संचार के समन्वयक जॉन किर्बी ने कहा, ‘हम इस उत्पीड़न की रिपोर्टों से अवगत हैं। यह अस्वीकार्य है, और हम कहीं भी किसी भी परिस्थिति में पत्रकारों के उत्पीड़न की निंदा करते हैं…और यह लोकतंत्र के सिद्धांतों के विपरीत है।’
सबरीना सिद्दीकी अमेरिका में स्थित एक वरिष्ठ पत्रकार हैं। एक मुस्लिम अमेरिकी हैं। उन्होंने वाशिंगटन, डी.सी. में व्हाइट हाउस रिपोर्टर के रूप में अपनी पहचान बनाई है। वह व्हाइट हाउस और अमेरिकी राष्ट्रपतियों को कवर करती रही हैं। सिद्दीकी मूल रूप से भारत-पाकिस्तान से हैं। पाकिस्तानी माता-पिता की संतान सिद्दीकी का अपनी सांस्कृतिक विरासत से गहरा संबंध है। उनके पिता का जन्म भारत में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश पाकिस्तान में हुई, जबकि उनकी मां पाकिस्तानी हैं। सिद्दीकी का जन्म अमेरिका में हुआ।
वे द गार्डियन और द हफिंगटन पोस्ट जैसे संस्थानों के लिए काम कर चुकी हैं। 2019 में वे द वॉल स्ट्रीट जर्नल से जुड़ीं। सबरीना सिद्दीकी की शादी चार साल पहले मुहम्मद अली सैयद जाफरी से हुई थी और इनकी एक बेटी भी है।
सबरीना सिद्दीकी ने भारत में मानवाधिकारों के हनन के लग रहे आरोपों और अल्पसंख्यकों से भेदभाव जैसे मामलों पर सवाल पूछा था। उन्होंने पीएम मोदी से पूछा था कि वे इस विषय में क्या कर रहे हैं।
इस पर पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत एक लोकतंत्र है और जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने कहा है, भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारे रगों में है। लोकतंत्र को हम जीते है। हमारे पूर्वजों ने संविधान के रूप में शब्दों में ढ़ाला है। जब हम लोकतंत्र को जीते हैं तब भेदभाव की बात ही नहीं आती । हमारी सरकार सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास के सिद्धांत पर चलती है। भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में कोई भेदभाव नहीं है।’
पीएम मोदी ने आगे कहा कि सरकार की योजनाएं सभी के लिए है और इसमें जाति, पंथ, धर्म आदि को लेकर किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं होता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब आप लोकतंत्र की बात करते हैं, लोकतंत्र में रहते हैं तब इसमे भेदभाव का कोई स्थान ही नहीं है।