AIN NEWS 1:उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सीनियर सिटीजन अपने आप को अकेला महसूस न करें, इसके लिए उत्तर प्रदेश पुलिस नवंबर-2019 में ‘ऑपरेशन सवेरा’ योजना लेकर आई थी। बाकी जिलों में तो यह योजना परवान नहीं चढ़ पाई। लेकिन दिल्ली से सटे हुए जिला गाजियाबाद में अब ये योजना री-लॉन्च हुई है। उसकी ख़ास वजह है कि गाजियाबाद – नोएडा में सीनियर सिटीजन के साथ कुछ घटनाएं हाल ही में घटित हुई हैं जिनको समय रहते हुए उन्हें रोका जा सकता था। इसलिए पुलिस अब इनका पूरा डेटाबेस तैयार कर रही है। सीनियर सिटीजन का रजिस्ट्रेशन करने में अभी तक गाजियाबाद पुलिस यूपी में नंबर वन आई है। यहां अब तक ही 1 लाख 13 हजार सीनियर सिटीजन का डेटा ऑनलाइन इकट्ठा भी किया जा चुका है।
जान ले सबसे पहले इस योजना का मकसद
इस योजना से पूरे प्रदेशभर के सीनियर सिटीजन का डेटा इकट्ठा किया जा रहा है। खासकर उनका, जो अपने घर में अकेले रहते हैं। इसमें उनका पूरा नाम, उम्र, पेशा, मोबाइल नंबर ब्लड ग्रुप, एड्रेस सहित अन्य कई जानकारियां यूपी पुलिस के पोर्टल पर ऑनलाइन दर्ज पहले से ही होंगी। इसके बाद यदि इन बुजुर्ग को किसी भी जरूरत के लिए पुलिस की कोई मदद चाहिए तो पुलिस उनका एड्रेस उस समय उनसे जाने बिना ही एक कॉल पर वहां पर पहुंच जाएगी। सीनियर सिटीजन की यह कॉल्स आपात स्थिति में डायल-112 को भी ट्रांसफर होंगी। क्योंकि उनका रिस्पांस टाइम पांच से दस मिनट के बीच ही रहता है। इसके अलावा बीट का कांस्टेबल भी हर हफ्ते ही अपने-अपने इलाके के सीनियर सिटीजन से कॉन्टेक्ट भी करेगा और उनसे पूछेगा कि उन्हे कोई परेशानी तो नहीं है? इसके अलावा सीनियर सिटीजन के क्षेत्रवार वॉट्सएप ग्रुप भी बनेंगे, ताकि उनका पुलिस से सीधा संवाद भी बना रहे।
अभी हाल की ही घटना,चार महीने से नहीं हुई थी बात, बेटा घर पहुंचा तो मिली बूढ़ी मां की लाश
ग्रेटर नोएडा के ही बीटा – 1 सेक्टर में 71 साल की अमिया सिन्हा अकेले ही रहती थीं। वे बिहार में स्वास्थ्य विभाग से ही सेवानिवृत्त थीं। पति से उनका तलाक हो चुका था, वहीं बेटा नोएडा के ही पड़ोसी जिले गाजियाबाद में अपनी पत्नी संग रहता था। 4 अप्रैल 2023 को इस वृद्धा की लाश उसके घर में पड़ी मिली। यह लाश कई महीनों पुरानी थी। काफी हद तक यह सड़ चुकी थी। करीब चार महीने से इन मां-बेटे बीच आपस में बातचीत भी नहीं हुई थी। बेटे ने कई दफा मां का फोन ट्राई किया तो मां का मोबाइल स्विच ऑफ मिला। जब हद हो गई, तब बेटा उनके घर पर पहुंचा और ये पूरा का पूरा केस खुला । पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत की वजह कुछ स्पष्ट नहीं हो पाई। ये भी पता नहीं चल सका कि अमिया सिन्हा आखिरी वक्त में आख़िर किन परिस्थितियों से जूझ रही थीं।
ऐसा ही एक दूसरे मामले में अकेलेपन की वजह से ही 18वीं मंजिल से कूदकर दे दी जान
ऐसे ही गाजियाबाद की प्रतीक ग्रैंड सोसाइटी में भी 17 अगस्त 2023 को 51 वर्षीय रेखा उनियाल ने अपनी बिल्डिंग की 18वीं मंजिल से कूदकर जान दे दी। जांच के दौरान पुलिस को उनके घर से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ। इसमें महिला ने अकेलेपन के चलते ही खुदकुशी करने की बात कही। दरअसल, महिला के पति स्कूल में काम करते थे और पुत्र व पुत्रवधु एक कंपनी में ही कार्यरत थे। तीनों सुबह ही अपनी अपनी जॉब करने निकल जाते थे और देर शाम को ही वो लोग वापस आते थे। ऐसे में रेखा उनियाल पूरे दिन ही घर में अकेले रहती थीं। अपने इस अकेलेपन को वे बर्दाश्त ही नहीं कर पाईं और उन्होने अपनी जान दे दी।
पूरे गाजियाबाद में ही अब तक पांच लाख बुजुर्गों का डेटा इकट्ठा करने का टारगेट
कहने को तो यह ऑपरेशन सवेरा योजना कुल चार साल पुरानी है। लेकिन जनपदों की पुलिस ने इस सीनियर सिटीजन को इस योजना से जोड़ने में अभी तक कोई खास रूचि नहीं दिखाई। अब जब दिल्ली के आस पास यानी एनसीआर के शहरों में सीनियर सिटीजन के साथ मे घटनाएं बढ़ने लगीं तो गाजियाबाद पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्र ने इस योजना की कमान को अपने हाथ में लिया है। 20 अगस्त 2023 को उन्होंने ऑपरेशन सवेरा को फिर से री-लॉन्च किया । जिसका नतीजा ये रहा कि इतने कम दिनों में ही पूरे गाजियाबाद में अब तक 1 लाख 13 हजार सीनियर सिटीजन का डेटा पुलिस द्वारा इकट्ठा किया जा चुका है।