AIN NEWS 1: जैसा कि आप जानते है कि डोडा जिले के अस्सर इलाके में बुधवार को एक सड़क हादसे का शिकार हो गई बस (जेके02- सीएन6555)तीन साल पुरानी थी। इसका अप्रैल 2020 में ही इस बस का पंजीकरण हुआ था, लेकिन अप्रैल 2023 के बाद से ही इस बस के रूट परमिट का कोई भी नवीनीकरण नहीं हुआ था। यानी कि रूल के हिसाब से इस बस का परिचालन बिना वैध रूट परमिट के ही अवैध तरीके से चल रहा रहा था। यह बस इस हादसे के समय ओवरलोड थी। इस बस की क्षमता कुल 42 यात्रियों की ही थी परंतु उसमें 55 लोगों को बिठाया गया था। इस वाहन का रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर दर्ज आकंड़े के अनुसार, हादसे की शिकार इस बस का स्टेट कैरिज परमिट 31 मार्च 2023 तक ही वैध बताया जा रहा है।
यहां हम आपको बता दें पिछले कुछ वर्षों में डोडा जिला सड़क हादसों का मानो जैसे केंद्र सा बन गया है। चिनाब घाटी में ही सड़कों और यात्री वाहनों की खस्ताहाल स्थिति इस दौरान हादसों की मुख्य वजह है। 2010 से ही अगस्त 2023 तक यानी सिर्फ डोडा जिले में ही 605 लोगों की सड़क हादसों में अब तक मौत हुई है। जिसमें बुधवार को हुए हादसे में ही हुई कुल 38 मौतें भी इसमें शामिल हैं। यहां पर संकरी सड़कें, तीखे मोड़ और वाहनों की तेज रफ्तार आए ही दिन सड़क हादसों का एक बड़ा कारण बन रही है। अभी तक डोडा जिले में ही सड़क हादसों में सबसे ज्यादा मौतें 2021 में हुई थी। इस साल 66 लोगों ने इस तरह से सड़क हादसों में जान गंवाई।
यहां हम बता दें इस वर्ष अब तक 61 मौतें, दस साल में यह दूसरी सबसे ज्यादा
वर्ष 2023 में ही अगस्त तक 23 मौतें दर्ज की गईं जबकि बुधवार को इस तरह सड़क हादसे में 38 लोगों की मौत हुई है। ऐसे में अभी तक भी इस साल 61 लोगों की मौत अभी तक हो चुकी है, जो दस साल में दूसरी सबसे ज्यादा मौतें बताई जा रही हैं। डोडा जिले में ही हर वर्ष औसत 30 से अधिक लोगों की मौत इस तरह से सड़क हादसों में हो रही है।
इस डोडा हादसा….मरने वालों में सबसे ज्यादा 15 लोग भी जिला डोडा के
हादसे में मरने वालों में सबसे ज्यादा लोग भी जिला डोडा के हैं। यहां के ही कुल 15 लोगों की जान गई है। वहीं इसमें, 12 लोग किश्तवाड़, तीन बिहार, दो उत्तर प्रदेश और तीन छत्तीसगढ़ के रहने वाले बताए जा रहे हैं। वहीं, रामबन, उधमपुर और कठुआ जिले का भी इसमें एक-एक व्यक्ति है।
अब गठित की गई तीन सदस्य कमेटी ही एक सप्ताह में बताएगी कैसे हुआ यह सड़क हादसा
डोडा जिले के ही अस्सर में हुए इस सड़क हादसे की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी भी बनाई गई है। मंडलायुक्त रमेश कुमार की ओर से ही गठित कमेटी में एडीसी डोडा डॉ. रवि कुमार भारती, अधीक्षण अभियंता लोक निर्माण विभाग डोडा और एआरटीओ डोडा को भी रखा गया है। इस कमेटी को एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट भी देनी होगी। यह कमेटी सड़क हादसे के कारण का पता लगाएगी जिसमें यह हादसा आख़िर कैसा हुआ, किन हालात में हुआ इसकी पूरी जानकारी होगी।
क्या सही साइड में नहीं चलाया जा रहा था यह वाहन
डोडा उपायुक्त हरविंदर सिंह ने बताया कि इस दुर्घटनाग्रस्त वाहन ने क्रैश बैरियर को भी तोड़ा, फिर यह 300 फीट नीचे जा गिरा। यह वाहन गलत साइड में ही चलाया जा रहा था, जिसकी वजह से ही दुर्घटना हुई। यह भी संभव है कि वाहन सही तरीके से भी नहीं चलाया जा रहा हो। इस वाहन के सभी तथ्यों की जांच भी की जाएगी। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मरने वाले कुछ लोगों की पहचान भी हो चुकी है और उनके शव भी परिवार वालों को सौंप दिए गए हैं।
यहां पर एक कंट्रोल रूम किया गया स्थापित
इस दुर्घटना में मारे गए तथा सभी घायलों की जानकारी हासिल करने के लिए जिला प्रशासन ने भी कंट्रोल रूम स्थापित किए हैं। डीसी दफ्तर डोडा (01996233337), जीएमसी डोडा (01996233465), टोल फ्री नंबर 18001807122 व कंट्रोल रूम 9906320997 व 9596776203 पर फोन कर इसकी पूरी जानकारी ली जा सकती है। यह कंट्रोल रूम पर 24 घंटे काम करेगा।