नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र लिखकर सुझाव दिया है कि ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहनों को उनके इंश्योरेंस प्रीमियम से जोड़ा जाए। इस पहल का मुख्य उद्देश्य लापरवाही से ड्राइविंग करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करना और सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है।
एलजी वीके सक्सेना का प्रस्ताव
एलजी वीके सक्सेना ने अपने पत्र में एक विशेष बीमा प्रीमियम प्रणाली की सिफारिश की है, जो ड्राइविंग व्यवहार के अनुसार बीमा प्रीमियम को निर्धारित करेगी। इस प्रणाली के तहत, स्पीडिंग, रेड लाइट जंप करने जैसे ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों को उच्च इंश्योरेंस प्रीमियम का भुगतान करना होगा। सक्सेना का मानना है कि यह सिस्टम सड़कों पर गाड़ियों की रफ्तार को नियंत्रित करेगा और जिम्मेदार ड्राइविंग को प्रोत्साहित करेगा।
अमेरिका और यूरोप में भी लागू है यह प्रणाली
वीके सक्सेना ने बताया कि अमेरिका और यूरोपियन देशों में यह प्रणाली पहले से ही लागू है, जिसका उद्देश्य जिम्मेदार ड्राइविंग व्यवहार को बढ़ावा देना और सड़क दुर्घटनाओं को कम करना है। इस अप्रोच से इंश्योरेंस कंपनियों पर फाइनेंशियल बोझ भी कम होता है, क्योंकि कम दुर्घटनाओं के कारण कम क्लेम्स होते हैं। इस प्रकार, न केवल सड़कों पर अनुशासन बढ़ता है, बल्कि कई जानें भी बचाई जा सकती हैं।
भारत में सड़क हादसों के आंकड़े
सक्सेना ने अपने पत्र में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन से होने वाले हादसों के आंकड़े भी साझा किए हैं। उन्होंने बताया कि 2022 में भारत में कुल 4,37,000 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें से 70% हादसे तेज गति से चलने वाले वाहनों के कारण हुए। इन हादसों में बड़ी संख्या में लोगों की जान चली गई, जो कि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी का सीधा नतीजा है।
लापरवाही पर लगेगी लगाम
यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो ड्राइवरों को अपनी ड्राइविंग की जिम्मेदारी का एहसास होगा और ट्रैफिक नियमों का पालन करना उनकी मजबूरी बनेगा। इससे सड़क सुरक्षा में सुधार होगा और इंश्योरेंस की लागत में पारदर्शिता भी आएगी।
यह कदम न सिर्फ लापरवाह ड्राइविंग को रोकेगा बल्कि भारत की सड़कों को सुरक्षित बनाने की दिशा में भी बड़ा बदलाव ला सकता है।