AIN NEWS 1 लखनऊ। भाजपा ने संगठनात्मक चुनावों की तारीखें तय कर दी हैं। 15 दिसंबर तक मंडल अध्यक्ष और 30 दिसंबर तक जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष का चुनाव पूरा कर लिया जाएगा। इसके लिए 1 दिसंबर से मंडल अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होगी। भाजपा ने इस बार चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी और अनुशासित बनाने पर जोर दिया है, जिसमें आयु सीमा और अन्य नियम लागू किए गए हैं।
चुनाव की प्रक्रिया:
1. मंडल अध्यक्ष का चुनाव:
चुनाव 1 दिसंबर से शुरू होकर 15 दिसंबर तक पूरा किया जाएगा।
केवल वे कार्यकर्ता उम्मीदवार हो सकते हैं जो 35 से 45 वर्ष के आयु वर्ग में हैं।
अगर कोई पहले दो बार मंडल अध्यक्ष रह चुका है, तो वह तीसरी बार चुनाव नहीं लड़ सकेगा।
2. जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष का चुनाव:
16 दिसंबर से यह प्रक्रिया शुरू होगी और 30 दिसंबर तक पूरी हो जाएगी।
महानगर और जिला अध्यक्ष के लिए आयु सीमा 45 से 60 वर्ष तय की गई है।
3. बूथ समितियों की भूमिका:
50% से अधिक बूथ समितियों का गठन होने के बाद ही मंडल अध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष की घोषणा की जाएगी।
बूथ अध्यक्ष ही मंडल अध्यक्ष के चुनाव में भाग लेंगे, और मंडल अध्यक्ष के वोट से जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष चुने जाएंगे।
नियम और शर्तें:
संगठन चुनावों में अनुशासन और आपसी सहमति को प्राथमिकता दी जाएगी।
किसी भी तरह के प्रदर्शन या विवाद की अनुमति नहीं होगी।
चुनावी प्रक्रिया को लोकतांत्रिक और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।
जिला और महानगर अध्यक्ष पद के लिए केवल वे कार्यकर्ता योग्य होंगे, जिन्होंने पहले मंडल या अन्य संगठनात्मक पदों पर काम किया हो।
आयु सीमा बनी चुनौती:
भाजपा ने युवा कार्यकर्ताओं को संगठन में आगे लाने के लिए आयु सीमा का प्रावधान किया है। यह नियम कई दावेदारों के राजनीतिक करियर पर असर डाल सकता है। सूत्रों के अनुसार, मंडल अध्यक्ष बनने के लिए 35-45 और जिलाध्यक्ष/महानगर अध्यक्ष के लिए 45-60 वर्ष की सीमा तय की गई है।
चुनावी तैयारी और पर्यवेक्षण:
भाजपा 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत यह संगठनात्मक ओवरहॉल कर रही है। हर जिले और मंडल में पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। उत्तर प्रदेश को छह क्षेत्रों में बांटकर हर क्षेत्र में तीन पर्यवेक्षक तैनात किए जाएंगे।
गाजियाबाद में कार्यशाला:
गाजियाबाद में 30 नवंबर को संगठन चुनाव पर पहली कार्यशाला आयोजित होगी। इसमें चुनावी प्रक्रिया की जानकारी दी जाएगी। दूसरी कार्यशाला 2 दिसंबर को होगी, जिसमें चुनावों का विश्लेषण किया जाएगा।
भाजपा का यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि पार्टी अपने संगठन को मजबूत और अनुशासित बनाकर 2027 के चुनावी रण के लिए तैयार हो रही है।