Mahakumbh 2025: Yogiji Emphasizes Economic and Social Impact Documentation
महाकुंभ 2025: सीएम योगी ने आर्थिक व सामाजिक प्रभावों के अभिलेख तैयार करने के दिए निर्देश
AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 के आर्थिक और सामाजिक प्रभावों का वैज्ञानिक तरीके से आकलन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि महाकुंभ के दौरान हुए आर्थिक विकास और रोजगार वृद्धि के अभिलेख तैयार किए जाएं ताकि इन आंकड़ों को भारत सरकार के सैंपल सर्वे में शामिल किया जा सके।
बैठक में दिए गए निर्देश
बुधवार रात अपने सरकारी आवास पर मुख्यमंत्री ने महाकुंभ की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में भारत सरकार के सांख्यिकीय नियोजन एवं क्रियान्वयन विभाग के सचिव, प्रदेश के मुख्य सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है। अब तक 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं, जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा हुआ है।
प्रदेश की GDP में वृद्धि
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि महाकुंभ के आयोजन से प्रदेश की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में करीब साढ़े तीन से चार लाख करोड़ रुपये की वृद्धि का अनुमान है। आयोजन के दौरान पर्यटन, व्यापार, परिवहन, खानपान और सेवा क्षेत्रों में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिली है।
मुख्य क्षेत्र जहां वृद्धि हुई:
पर्यटन
परिवहन
खानपान
हस्तशिल्प
एमएसएमई
पूजा सामग्री विक्रेता
यह वृद्धि छोटे दुकानदारों, नाविकों, वाहन चालकों और रेहड़ी-पटरी वालों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लेकर आई है।
महाकुंभ के आर्थिक प्रभाव
महाकुंभ के दौरान प्रदेश में हजारों करोड़ रुपये की अवस्थापना सुविधाएं (Infrastructure) विकसित की गईं। इससे व्यापार और सेवाओं में वृद्धि के साथ-साथ स्थानीय लोगों को रोजगार के नए अवसर मिले।
प्रमुख आर्थिक प्रभाव:
व्यापार और पर्यटन में वृद्धि
असंगठित क्षेत्रों में रोजगार के अवसर
स्थानीय व्यापारियों और दुकानदारों को लाभ
माल एवं सेवा क्षेत्र में उछाल
सुरक्षा व्यवस्था और आधुनिक तकनीक का उपयोग
महाकुंभ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया। यूपी पुलिस ने एआई (AI) जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा का विश्व स्तरीय मॉडल पेश किया। यूपी के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि यह मॉडल पूरी दुनिया के लिए मिसाल है।
महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का समापन हुआ। इस दौरान करीब 1.18 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया। पूरे आयोजन के दौरान यूपी पुलिस बिना किसी बड़ी घटना के 45 दिन तक सक्रिय रही।
चुनौती नहीं, अवसर था महाकुंभ
डीजीपी प्रशांत कुमार ने महाकुंभ को चुनौती नहीं, बल्कि अवसर बताया। पुलिस कर्मियों को पहले से ट्रेनिंग दी गई थी कि श्रद्धालुओं के साथ किस तरह अच्छा व्यवहार किया जाए। इस पूरी अवधि में बिना किसी हथियार के सुरक्षा व्यवस्था को संभाला गया, जो यूपी पुलिस के लिए बड़ी उपलब्धि है।
महाकुंभ से जुड़ी अन्य उपलब्धियां
प्रयागराज के अलावा अयोध्या, वाराणसी और विंध्यवासिनी जैसे धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी।
रेलवे पुलिस और आरपीएफ के समन्वय से रोजाना लाखों श्रद्धालु ट्रेनों से सफर करते रहे।
मुख्य स्नान पर्व पर प्रतिदिन पांच लाख से अधिक श्रद्धालु ट्रेनों से आए।
सुरक्षा व्यवस्था बनी रहेगी जारी
डीजीपी ने बताया कि महाकुंभ के बाद भी सुरक्षा व्यवस्था कुछ दिनों तक जारी रहेगी ताकि हर अंतिम श्रद्धालु को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाया जा सके।
महाकुंभ 2025 सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक विकास का महत्वपूर्ण अवसर साबित हुआ है। इससे न केवल प्रदेश की GDP में वृद्धि हुई, बल्कि लाखों लोगों को रोजगार भी मिला। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस आयोजन को ‘नए भारत के नए उत्तर प्रदेश’ की दिशा में एक बड़ा कदम बताया है।
The Mahakumbh 2025 in Prayagraj has significantly impacted the economic and social growth of Uttar Pradesh. CM Yogi Adityanath emphasized the need to document the economic impact of Mahakumbh on both organized and unorganized sectors. This religious event is expected to boost the UP GDP by 3.5 to 4 lakh crore rupees, creating numerous employment opportunities in sectors like tourism, hospitality, transportation, and local businesses. With advanced AI-based crowd management and security systems, Mahakumbh 2025 has set a global example for safe and organized events.