महाकुंभ भगदड़ में हुई मौतों पर अखिलेश यादव ने डीजीपी के बयान पर उठाए सवाल?

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AIN NEWS 1: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का समापन महाशिवरात्रि के दिन हो गया। इस महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। महाकुंभ के सफल आयोजन पर यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने पुलिस की जमकर सराहना की। लेकिन डीजीपी के बयान पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने डीजीपी के बयान पर सवाल खड़े करते हुए भगदड़ में हुई मौतों की सही सूची जारी करने की मांग की है।

डीजीपी का बयान क्या था?

महाकुंभ के समापन के बाद यूपी पुलिस के डीजीपी प्रशांत कुमार ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि “यूपी पुलिस ने बिना शस्त्र के अपने व्यवहार और तकनीक के माध्यम से भीड़ का बेहतरीन प्रबंधन किया।” उन्होंने बताया कि इस आयोजन में 65 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई और बिना किसी बड़ी घटना के यह आयोजन संपन्न हुआ। डीजीपी ने कहा कि पुलिस ने अत्याधुनिक तकनीक और एआई के माध्यम से भीड़ प्रबंधन का ऐसा मॉडल पेश किया, जैसा दुनिया में कहीं नहीं देखा गया।

अखिलेश यादव ने क्यों उठाए सवाल?

डीजीपी के बयान के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए सरकार पर निशाना साधा। अखिलेश यादव ने लिखा,

“श्रद्धालुओं की जान जाना क्या बड़ी घटना नहीं है? मृतकों की सच्ची लिस्ट का क्या हुआ?”

अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि सरकार भगदड़ में हुई मौतों का सही आंकड़ा छिपा रही है। उन्होंने दावा किया कि मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ में 30 से अधिक लोगों की मौत हुई, लेकिन सरकार कम आंकड़े दिखा रही है।

भगदड़ की घटना क्या थी?

मौनी अमावस्या के दिन महाकुंभ में भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। बताया जाता है कि भीड़ का दबाव इतना ज्यादा था कि कुछ स्थानों पर भगदड़ की स्थिति बन गई। इस भगदड़ में कई श्रद्धालुओं की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए। हालांकि, प्रशासन की ओर से सिर्फ तीन लोगों की मौत की पुष्टि की गई थी, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मरने वालों की संख्या अधिक थी।

अखिलेश यादव की मांग

अखिलेश यादव लगातार मांग कर रहे हैं कि सरकार भगदड़ में मरने वाले श्रद्धालुओं की सही सूची जारी करे और पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह मौतों के आंकड़े छिपाकर अपनी छवि चमकाने में जुटी है।

सरकार की सफाई

सरकार ने भगदड़ की घटना पर सफाई देते हुए कहा कि महाकुंभ का आयोजन शांतिपूर्ण और सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। प्रशासन के मुताबिक, कुछ घटनाएं भीड़ के दबाव के कारण हुईं लेकिन पुलिस ने स्थिति को तुरंत संभाल लिया।

क्या कहता है प्रशासन?

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा कि महाकुंभ के दौरान पुलिस ने पूरी मुस्तैदी से काम किया और किसी भी बड़े हादसे को होने से रोका। उन्होंने कहा कि भीड़ प्रबंधन के लिए एआई और सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल किया गया, जिससे किसी भी आपात स्थिति पर तुरंत प्रतिक्रिया दी गई।

सियासी घमासान

महाकुंभ की भगदड़ और डीजीपी के बयान पर सियासी घमासान तेज हो गया है। अखिलेश यादव के अलावा कई विपक्षी नेता भी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि सरकार को श्रद्धालुओं की मौत की सही संख्या बताकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा देना चाहिए।

महाकुंभ 2025 का आयोजन एक बड़ी धार्मिक घटना थी, लेकिन भगदड़ में हुई मौतों ने इसकी सफलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष लगातार सरकार पर आंकड़ों को छिपाने का आरोप लगा रहा है। अब देखना होगा कि सरकार मृतकों की सही सूची जारी करती है या नहीं।

Akhilesh Yadav criticized UP DGP Prashant Kumar’s statement on the successful completion of Mahakumbh 2025 without any major incident. He questioned the government for hiding the actual number of deaths in the Mahakumbh stampede on Mauni Amavasya. Akhilesh demanded the release of the accurate list of victims and proper compensation for the families of the deceased. The controversy has sparked a political debate, raising doubts about the Uttar Pradesh police’s crowd management and the government’s transparency during the mega religious event.

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