AIN NEWS 1: बता दें साल का आखिरी आंशिक सूर्य ग्रहण आज यानी 25 अक्टूबर 2022 को लगने जा रहा है। सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 12 घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। इसे लेकर मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं। अयोध्या में भोर से ही सभी मंदिर अभी बंद कर दिए गए। श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाली है राम की नगरी पर दूर-दूर तक अब सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं वाराणसी में दोपहर 3:30 बजे श्री काशी विश्वनाथ धाम के पट भी बंद कर दिए जाएंगे। मथुरा में भी बांके बिहारी मंदिर समेत सभी धार्मिक स्थल आज बंद कर दिए गए हैं।
बुधवार को सूर्योदय के बाद ही बाबा विश्वनाथ के पट खुलेंगे। देवी अन्नपूर्णा की स्वर्णमयी प्रतिमा का दर्शन-पूजन भी आज दोपहर 2 बजे से रात 7:30 बजे तक ही बंद रहेगा। इसके अलावा बाबा कालभैरव, श्री संकटमोचन मंदिर, BHU स्थित विश्वनाथ मंदिर सहित जिले के सभी देवालय ग्रहण काल में बंद रहेंगे।
श्री काशी विद्वत परिषद के महामंत्री प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि काशी में ग्रहण का स्पर्श काल आज शाम 4:23 बजे होगा। ग्रहण का मध्य काल शाम 5:28 बजे और मोक्ष काल शाम 6:25 बजे ही होगा। ग्रहण के स्पर्श, मध्य और मोक्ष के समय आपको स्नान करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण का सूतक 24 अक्टूबर की आधी रात के बाद भोर में 4:23 बजे शुरू हो चुका है। सूर्य ग्रहण के कारण ही इस बार दिवाली और गोवर्धन पूजा में एक दिन का अंतराल हुआ है। गोवर्धन पूजा कल यानी 26 अक्टूबर को ही है।
ज्ञात हो ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए
प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण काल के दौरान खाद्य सामग्रियों में ज्यादातर कुश या फिर तुलसी की पत्ती डाली जाती है। इस वजह से ही वह दूषित नहीं होते हैं। ग्रहण लगने से पहले स्नान करके पूजा-पाठ जरूर करना चाहिए।
ग्रहण समाप्त होने पर आपको स्नान करके दान करना चाहिए। ग्रहण के बाद खाने-पीने की सभी पुरानी सामग्री पशु-पक्षियों को दे देनी चाहिए। ग्रहण के समय पशु-पक्षियों को अन्न / घास और जरूरतमंदों को उनकी आवश्यकता की सामग्री देना अत्यधिक पुण्यकारी होता है।
आपको ग्रहण के दौरान क्या नहीं करना चाहिए
ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण काल में कोई भी शुभ या नया काम बिलकुल नहीं शुरू करना चाहिए। ग्रहण काल में आपको भोजन नहीं करना चाहिए और न सोना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को ग्रहण कभी भी नहीं देखना चाहिए।
आज दीपावली के पावन अवसर पर मुख्य्मंत्री योगी आदित्यनाथ ने @GorakhnathMndr में मॉं महालक्ष्मी जी, श्री गणेश जी, मॉं सरस्वती जी और श्री कुबेर जी की पूजन-अर्चन एवं आरती की।@FansOfYogi @YogiOnceAgain@YogiAditynath5 @myogioffice pic.twitter.com/KCmWbmHWyZ
— 𝐀𝐈𝐍 𝐍𝐄𝐖𝐒 𝟏 (@ainnews1_) October 24, 2022
मान्यता है कि ग्रहण के दुष्प्रभाव से गर्भ में पल रहा शिशु दिव्यांग हो जाता है। हालांकि, विज्ञान इन सभी ज्योतिष की बातों को खारिज करता है। वैज्ञानिक कहते हैं कि यह सब पुराने समय की मान्यताएं हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही हैं।