किस नेता के साथ 3 घंटे लंबे कॉल के बाद 25 साल से मठ के मठाधीश रहे संत ने ब्लैकमेलिंग के डर से की खुदकुशी?

महज 45 साल के थे, लेकिन बीते 25 साल से मठ के मठाधीश थे। इन संत ने गरीब बच्चों के लिए कई शिक्षण संस्थान और छात्रों के लिए एक छात्रावास का निर्माण किया था। ये केवल भलाई के काम करते थे और 1997 से मठ के मुखिया के तौर पर बेहतरीन कार्य कर रहे थे।

0
445

संत के किस ऑडियो-विडियो क्लिप से हो रही थी ब्लैकमेलिंग?

3 पन्नों के सुसाइड नोट में संत ने क्या सनसनीखेज खुलासा किया?

किस राजनेता पर संत को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा?

AIN NEWS 1: वो महज 45 साल के थे, लेकिन बीते 25 साल से मठ के मठाधीश थे। इन संत ने गरीब बच्चों के लिए कई शिक्षण संस्थान और छात्रों के लिए एक छात्रावास का निर्माण किया था। ये केवल भलाई के काम करते थे और 1997 से मठ के मुखिया के तौर पर बेहतरीन कार्य कर रहे थे। लेकिन इनकी लोकप्रियता सियासी हल्कों को रास ना आई। इनके भलाई के काम को भी ऑडियो-वीडियो से ब्लैकमेलिंग के काम में बदल दिया गया। हम बात कर रहे हैं कर्नाटक के रामनगर में कंचुगल बंदेमठ के लिंगायत संत बसवालिंगा स्वामीजी की जो दिवाली के दिन मवार को अपने आश्रम में मृत पाए गए।

पुलिस ने बताया सुसाइड

पुलिस इस घटना को खुदकुशी का मामला मानकर जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक 45 साल के बसवालिंगा स्वामीजी का शव मठ में फांसी के फंदे से झूलता हुआ मिला था। शुरुआती जांच में एक नेता का नाम सामने आ रहा है। फिलहाल पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। बसवलिंग श्री ने सोमवार को कुंचुगल बंदे मठ के परिसर में सुसाइड कर ली। पुलिस के मुताबिक उन्होंने अपनी जिंदगी खत्म करने से पहले तीन घंटे तक एक नेता से फोन पर बात की थी। महंत के कॉल डीटेल की जांच के बाद उक्त नेता पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा है। पुलिस उस नेता को जल्द ही पूछताछ के लिए बुला सकती है।

पुलिस के पास मौजूद है ब्लैकमेलिंग वाला सुसाइड नोट

पुलिस ने लिंगायत संत की मृत देह के पास एक तीन पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है। लेकिन उस सुइसाइड नोट को लेकर पुलिस ने कोई खुलासा नहीं किया है। हालांकि खबरों के मुताबिक सुसाइड नोट में संत ने कुछ लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया है। जिस नेता से संत की बात हुई थी, उसका नाम भी सुसाइड नोट में है। संत ने उन्हें ब्लैकमेल किए जाने की बात लिखी है। इसके साथ ही उन्होंने लिखा है कुछ लोग षड्यंत्र करके उन्हें मठ से हटाना चाहते हैं।

 

भलाई के काम करते थे

बसवालिंगा द्रष्टा कचरा माफिया के खिलाफ आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे और उन्होंने कई सरकार विरोधी प्रदर्शनों में भाग लिया था। कथित ऑडियो और वीडियो क्लिप के जरिए द्रष्टा को ब्लैकमेल किए जाने की चर्चा की जा रही है। हालांकि क्या ये ऑडियो-वीडियो क्लिप है और इसमें ऐसा क्या है जिससे उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था इसका अभी तक कुछ खुलासा नहीं हो सका है। ऐसे में उम्मीद है कि पुलिस अपनी जांच पूरी करके जल्दी ही इसका खुलासा करेगी जिससे दिवंगत स्वामी जी को न्याय मिल सकेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here