Monday, October 7, 2024

भारत में इस्लाम का उदय और विस्तार: एक संक्षिप्त दृष्टि?

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AIN NEWS 1: इस्लाम धर्म, जो आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है, की शुरुआत 7वीं शताब्दी में अरब में हुई थी। इसके संस्थापक मुहम्मद पैगंबर थे, जिन्होंने एक व्यापारी के रूप में जीवन बिताया और 40 वर्ष की आयु में अल्लाह से कुरान का ज्ञान प्राप्त किया। कुरान इस्लाम धर्म की नींव है और 630 ई. तक मुहम्मद पैगंबर ने अरब के अधिकांश हिस्सों में इस्लाम का प्रचार किया।

मुहम्मद पैगंबर का जन्म एक कठिन परिवारिक स्थिति में हुआ। उनके पिता की मृत्यु उनके जन्म से पहले ही हो गई थी, और उनका पालन-पोषण उनके दादा और चाचा ने किया। मुसलमान मानते हैं कि पैगंबर मुहम्मद उनके पूर्वज हैं और उनके वंशज आज दुनिया भर में फैले हुए हैं।

भारत में इस्लाम का आगमन अरब के व्यापारिक मार्गों के माध्यम से हुआ। 7वीं शताब्दी में अरब व्यापारी गुजरात के तटीय इलाकों से भारत में इस्लाम का प्रचार करने आए। इसके बाद, 8वीं शताब्दी में अरबों ने सिंध पर विजय प्राप्त की। 11वीं शताब्दी में महमूद ग़ज़नवी ने पंजाब के रास्ते उत्तर भारत में प्रवेश किया, और इस प्रकार इस्लाम का प्रभाव भारत में बढ़ने लगा।

भारत में इस्लाम के फैलाव का श्रेय कई मुस्लिम शासकों और व्यापारियों को जाता है। कुतुबुद्दीन ऐबक को भारत में मुस्लिम साम्राज्य की नींव डालने का श्रेय दिया जाता है।

भारत में आज ज्यादातर मुसलमान दक्षिण एशियाई जातीय समूहों से हैं। मुसलमानों में उच्च जाति अशरफ होती है, जबकि निम्न जाति अजलाफ की मानी जाती है। भारत में पहली मस्जिद, चेरामन जुमा मस्जिद, 629 ई. में स्थापित की गई थी।

इस प्रकार, इस्लाम ने भारत में धीरे-धीरे अपनी जगह बनाई और भारतीय समाज में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक भूमिका निभाई।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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