AIN NEWS 1 उत्तर प्रदेश : जैसा कि आप सभी जानते है अयोध्या में 22 जनवरी को प्रभु श्री राम अपने नए मंदिर में विराजमान होंने जा रहे है. ऐसे में पूरे विश्व में चारों ओर राम मंदिर की चर्चा है. इसी दौरान सोशल मीडिया पर एक ऐसा डाक टिकट जो नेपाल से साल 1967 में जारी किया गया था वह काफ़ी तेजी से वायरल हो रहा है. लोग अब पता लगा रहे हैं कि आखिर यह डाक टिकट जारी कहां है और किसके पास मौजूद है, तो आपको हम यहां बता दें कि यह दुर्लभ डाक टिकट लखनऊ के ही एक शख्स अशोक कुमार के पास है. जिन्होंने अपने “द लिटिल म्यूजियम” में इसे पूरी तरह संभाल कर रखा है. इस डाक टिकट को इसलिए भी दुर्लभ कहा जा रहा है क्योंकि इसके पीछे एक ऐसा राज छिपा है. जिसे जानकर हर कोई अपने दांतों तले अपनी उंगली दबा ले रहा है.असल में यह भगवान श्री राम के ससुराल नेपाल से ही जारी करीब 57 साल पुराना एक ऐसा डाक टिकट वायरल हो रहा है, जो किसी बहुत अद्भुत संयोग से कम नहीं है. दरअसल, 1967 में जारी हुए इस डाक टिकट को ही भगवान राम और सीता को समर्पित किया गया था, जिसमें संयोगवश राम मंदिर के इस प्राण प्रतिष्ठा का साल भी लिखा हुआ है. कुल 15 पैसे के इस डाक टिकट पर रामनवमी 2024 साफ़ साफ़ लिखा हुआ है.
इसलिए अद्भुत है यह डाक टिकट
द लिटिल म्यूजियम के मालिक अशोक कुमार ने इस मामले में बताया कि यह डाक टिकट नेपाल में 1967 में ही जारी हुआ था. इस डाक टिकट में भगवान श्रीराम धनुष-बाण के साथ मौजूद हैं. उनके आगे माता सीता भी खड़ी हैं. 15 पैसे के इस डाक टिकट पर ‘रामनवमी 2024’साफ़ लिखा हुआ है. इस डाक टिकट को राम नवमी के अवसर पर 18 अप्रैल, 1967 को ही लॉन्च किया गया था. वह कहते हैं कि उन्होंने भी इस डाक टिकट को किसी से खरीदा है.
आख़िर 1967 में जारी टिकट पर क्यों लिखा है रामनवमी 2024
इस दौरान अशोक कुमार ने बताया कि इस वायरल नेपाली डाक टिकट पर जो भी रामनवमी 2024 में लिखा है, वह अंग्रेजी कैलेंडर में नहीं बल्कि विक्रम संवत में ही लिखा है. विक्रम संवत अंग्रेजी कैलेंडर से कुल 57 साल आगे चलता है. इस तरह से साल 1967 में जारी हुए इस डाक टिकट पर जो 57 साल आगे का साल 2024 लिखा हुआ है. इसीलिए यह एक अद्भुत है ऐसा कहा जा सकता है कि इतने साल पहले ही जारी हुए इस टिकट पर पहले से ही इस हो रही प्राण प्रतिष्ठा की तारीख लिख दी गई थी.