Tragedy at Prayagraj Mahakumbh: Stampede at Sangam, 40 Dead, Naga Sadhu Rumors Led to Chaos
प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़: संगम तट पर 40 मौतें, नागा साधुओं की अफवाह से मची अफरातफरी
AIN NEWS 1: मौनी अमावस्या के अवसर पर 28 जनवरी की रात से ही श्रद्धालुओं का संगम में स्नान करने का सिलसिला शुरू हो गया था। रात 10 बजे से लेकर सुबह तक लाखों लोग संगम तट पर डेरा डाले हुए थे। पुलिस द्वारा स्नान के लिए दबाव डालने और नागा साधुओं के आगमन की अफवाह से अचानक भगदड़ मच गई, जिससे 40 से अधिक लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए।
कैसे हुई भगदड़? जानिए पूरी घटना क्रमवार
1. श्रद्धालुओं का भारी हुजूम:
मौनी अमावस्या के कारण लाखों लोग संगम स्नान के लिए पहुंचे।
प्रयागराज के होटल, धर्मशालाएं और रैन बसेरे भर गए, जिससे हजारों लोग सड़कों और संगम किनारे सोने लगे।
2. पुलिस के आदेश और बैरिकेडिंग का टूटना:
प्रशासन ने सुबह 5 बजे अखाड़ों के लिए स्नान का विशेष रास्ता तय कर दिया।
श्रद्धालुओं को दूसरे रास्ते से स्नान के लिए भेजा जाने लगा।
देर रात 1 बजे के बाद भीड़ अनियंत्रित हो गई और बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने लगी।
3. नागा साधुओं के स्नान की अफवाह:
भीड़ में अफवाह फैली कि नागा साधु स्नान के लिए आ रहे हैं, जिससे भगदड़ तेज हो गई।
लोग एक-दूसरे को धक्का देते हुए आगे बढ़ने लगे, जिससे कई श्रद्धालु कुचल गए।
प्रशासन और पुलिस की बड़ी चूक
1. क्राउड मैनेजमेंट फेल:
प्रशासन ने दावा किया था कि 328 AI कैमरे भीड़ की निगरानी करेंगे, लेकिन किसी भी स्तर पर भीड़ को नियंत्रित नहीं किया गया।
पुलिस बल की तैनाती मात्र 1000 जवानों की थी, जो लाखों की भीड़ के सामने नाकाफी साबित हुए।
2. गलत निर्णय और रास्तों की अव्यवस्था:
पुलिस ने सारे पांटून पुल बंद कर दिए, जिससे भीड़ का दबाव बढ़ता गया।
स्नान के लिए केवल एक ही रास्ता खोलने के कारण लोग एक ही दिशा में बढ़ते गए, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई।
3. अफवाहों का असर:
नागा साधुओं के आने की अफवाह ने भीड़ में दहशत पैदा कर दी, जिससे लोग अनियंत्रित हो गए।
सेक्टर-21 में दूसरी भगदड़, हालात और भी खराब
संगम से करीब एक किमी दूर सेक्टर-21 में भी भगदड़ मची। यहां सतुआ बाबा के आश्रम के पास हजारों श्रद्धालु संगम की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे।
पुलिस उन्हें दूसरी ओर भेजना चाहती थी, जिससे भीड़ बेकाबू हो गई।
बैरिकेड्स टूट गए और लोहे की जालियों में कई लोग फंस गए।
कई लोगों की कुचलकर मौत हो गई, जबकि सैकड़ों घायल हुए।
घायलों को अस्पताल पहुंचाने में हुई देरी
1. एंबुलेंस सेवाओं में देरी:
घटना के बाद करीब 50 एंबुलेंस संगम और सेक्टर-21 से घायलों को ले जाने लगीं।
कई एंबुलेंस भीड़ में फंस गईं, जिससे घायलों को अस्पताल पहुंचाने में 30 मिनट से अधिक का समय लगा।
2. अस्पतालों में अव्यवस्था:
संगम के पास स्थित सेक्टर-4 अस्पताल में केवल 20 बेड थे, जो पूरी तरह भर गए।
घायलों को सेंट्रल हॉस्पिटल भेजा गया, जहां 225 बेड उपलब्ध थे, लेकिन मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण इलाज मुश्किल हो गया।
प्रशासन ने शवों को स्वरूप रानी मेडिकल कॉलेज के शवगृह में भेजा।
प्रशासन की देरी से प्रतिक्रिया, 30 मौतों की पुष्टि
शाम 7 बजे मेला अधिकारी विजय किरण आनंद और DIG कुंभ वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 30 मौतों की पुष्टि की।
लेकिन भास्कर रिपोर्टर्स और चश्मदीदों के अनुसार, मरने वालों की संख्या 40 से अधिक हो सकती है।
प्रशासन ने हादसे के बाद कई बड़े बदलाव किए।
हादसे के बाद प्रशासन के 5 बड़े फैसले
1. महाकुंभ क्षेत्र को नो-व्हीकल जोन घोषित किया गया।
2. स्नान के लिए अलग-अलग मार्ग बनाए गए।
3. प्रयागराज से आने वाले वाहनों की एंट्री रोक दी गई।
4. अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
5. क्राउड मैनेजमेंट के लिए नए निर्देश जारी किए गए।
प्रयागराज महाकुंभ में हुई यह भगदड़ प्रशासन और पुलिस की लापरवाही को उजागर करती है। लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर क्राउड मैनेजमेंट, अफवाहों को रोकने के लिए प्रभावी संचार और आपातकालीन सेवाओं में सुधार की जरूरत है। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में ऐसी घटनाएं दोबारा हो सकती हैं।
The Prayagraj Mahakumbh witnessed a tragic stampede at the Sangam, leading to the death of over 40 people and hundreds injured. The chaos was triggered by overcrowding, lack of proper crowd management, and rumors about the arrival of Naga Sadhus. The administration failed to control the massive influx of devotees, resulting in barricades being broken and people getting crushed underfoot. Emergency services were delayed, worsening the situation. This Prayagraj Mahakumbh stampede raises serious concerns about security and management at one of the world’s largest religious gatherings. Stay updated for more details on the Mahakumbh 2025 tragedy.