AIN NEWS 1: यूपी के वाराणसी और भदोही में पुलिसकर्मियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर मामले सामने आए हैं, जिससे पुलिस महकमे की छवि पर सवाल उठे हैं।
महिला दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा
वाराणसी के लंका थाने में तैनात महिला रिपोर्टिंग चौकी इंचार्ज अनुभा तिवारी को एंटी करप्शन टीम ने 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ लिया। उन्होंने बचने के लिए पूरी कोशिश की, लेकिन एंटी करप्शन टीम ने उन्हें अपने साथ कैंट थाने ले जाकर पूछताछ की। महिला दारोगा दहेज उत्पीड़न के एक मामले की विवेचना कर रही थीं और बयान लेने के लिए दिल्ली जाने की बात कहकर पीड़िता से 10 हजार रुपये मांग रही थीं। पकड़े जाने के बाद उन्होंने चिल्लाकर आरोप लगाया कि उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है। महिला दारोगा 2019 में मृतक आश्रित कोटे से नियुक्त हुई थीं।
भदोही में हेड कांस्टेबल पर रिश्वत वसूलने का आरोप
भदोही के सुरियावां थाने पर तैनात हेड कांस्टेबल सुरेंद्र प्रताप ने खुद को एसओजी जवान बताकर मैनपुरी की एक महिला से 2.30 लाख रुपये वसूल लिए। सुरेंद्र और उसके साथियों ने महिला के पति को वाराणसी में हिरासत में ले लिया और फर्जी केस दर्ज करने की धमकी दी। महिला से दो लाख 30 हजार रुपये गूगल पे के जरिए वसूल किए गए। इस घटना के बाद महिला ने आईजीआरएस पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद हेड कांस्टेबल सुरेंद्र प्रताप के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
ये घटनाएं पुलिस महकमे में सुधार की आवश्यकता को दर्शाती हैं और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को उजागर करती हैं।