AIN NEWS 1 रक्षाबंधन 2024: शुभ मुहूर्त, महत्व और राखी बांधने के नियम
रक्षाबंधन का महत्व
रक्षाबंधन हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उन्हें उपहार देते हैं। यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और सुरक्षा का प्रतीक है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी ने दैत्यराज बलि को राखी बांधकर उन्हें अपना भाई बनाया था। इस परंपरा के अनुसार, राखी केवल एक साधारण डोर नहीं है, बल्कि भाई-बहन के रिश्तों की मजबूत डोर का भी प्रतीक है।
रक्षाबंधन 2024 का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त 2024, सोमवार को मनाया जाएगा। सावन माह की पूर्णिमा तिथि 19 अगस्त 2024 को सुबह 03 बजकर 04 मिनट पर शुरू होगी और रात्रि 11 बजकर 55 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन राखी बांधने के लिए यह समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
राखी किस हाथ में बांधनी चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार, राखी भाई के दाहिने हाथ में बांधनी चाहिए। दाहिना हाथ कर्मों का हाथ माना जाता है और इससे किए गए धार्मिक कार्यों को भगवान स्वीकार करते हैं। राखी बांधने से संबंधित धार्मिक कार्यों के लिए भी यह हाथ विशेष रूप से उपयुक्त है।
राखी बांधने के लाभ
दाहिने हाथ में राखी बांधने से केवल धार्मिक लाभ ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, कलाई से होकर प्रमुख नसें गुजरती हैं, जिससे रक्तचाप संतुलित रहता है और शरीर के वात, पित्त, कफ संतुलित रहते हैं।
रक्षाबंधन के पकवान
रक्षाबंधन पर विशेष पकवान भी बनाए जाते हैं जैसे कि घेवर, शकरपारे, नमकपारे और घुघनी। घेवर सावन का विशेष मिष्ठान्न है, जबकि शकरपारे और नमकपारे आमतौर पर घर पर बनाए जाते हैं। घुघनी काले चने से बनाई जाती है और पूरी या दही के साथ खाई जाती है।
रक्षाबंधन की परंपराएँ और विशेषताएँ
रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने के साथ-साथ परिवार और समाज में एकता को भी प्रोत्साहित करता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देता है। यह पर्व न केवल सगे भाई-बहनों के बीच, बल्कि अन्य रिश्तों और समाज में भी एकता और स्नेह को बढ़ावा देता है।