AIN NEWS 1 किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसी का गठबंधन हमेशा आतंकवाद को बढ़ावा देता आया है।
अमित शाह ने आरोप लगाया कि 1990 के दशक में, जब फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री थे, कश्मीर घाटी में आतंकवाद का प्रकोप चरम पर था। इस समय, कांग्रेस के साथ समझौते के बाद फारूक अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बने थे। उन्होंने पूछा, “जब घाटी में खून की नदियाँ बह रही थीं, तब फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस कहाँ थे? क्या वे लंदन की गर्मी की छुट्टियों पर थे?”
#WATCH | Kishtwar, J&K: Addressing a public rally, Union Home Minister Amit Shah says, "The Congress-National Conference alliance has always nourished terrorism… In the 1990s, Farooq Abdullah was the CM, you were elected after an agreement with Rajeev Gandhi. When the Kashmir… pic.twitter.com/kYTRG0gPnZ
— ANI (@ANI) September 16, 2024
उन्होंने यह भी कहा कि पंडित नेहरू, महात्मा गांधी और अब्दुल्ला परिवार ने कश्मीर में आतंकवाद फैलाया और अब वही लोग फिर से लोगों की आशीर्वाद की मांग कर रहे हैं। शाह ने आरोप लगाया कि इन नेताओं ने कश्मीरी पंडितों को नजरअंदाज किया, आतंकवाद को बढ़ावा दिया और आरक्षण में देरी की।
गृह मंत्री अमित शाह ने लोगों से पूछा कि क्या वे वही कांग्रेस-एनसी गठबंधन चाहते हैं जो इन समस्याओं का कारण बना। उन्होंने जनता को यह समझाने की कोशिश की कि पूर्ववर्ती सरकारों ने कश्मीर में जो समस्याएँ पैदा कीं, उनके पुनरावृत्ति की संभावना को नकारा जाना चाहिए।
अमित शाह का यह बयान जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नई गर्मी का संकेत है। उन्होंने इन आरोपों के माध्यम से कांग्रेस और एनसी पर दबाव बनाने की कोशिश की है, जिससे आगामी चुनावों में पार्टी को फायदा हो सके।
यह जनसभा अमित शाह के चुनावी प्रचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें वे केंद्र सरकार की योजनाओं और उनके विरोधियों की विफलताओं को उजागर कर रहे हैं।