AIN NEWS 1 दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, जो कि केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। ये नेता लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर दिए गए विवादास्पद बयानों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।
प्रदर्शन के दौरान, कांग्रेस दिल्ली के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा, “हम संविधान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं, राहुल गांधी के मार्ग पर चलकर। हम भाजपा से डरते नहीं हैं। हर कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी के समर्थन में खड़ा है।”
प्रदर्शन का कारण
कांग्रेस कार्यकर्ताओं का यह प्रदर्शन भाजपा नेताओं द्वारा राहुल गांधी के खिलाफ की गई टिप्पणियों के खिलाफ था। कार्यकर्ताओं का कहना है कि भाजपा लोकतंत्र और संविधान की मूलभूत धारणाओं को कमजोर कर रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
देवेंद्र यादव का बयान
देवेंद्र यादव ने आगे कहा, “हम अपने नेता राहुल गांधी के साथ हैं और हम किसी भी दबाव के आगे झुकने वाले नहीं हैं। भाजपा की कोशिशें हमें रोक नहीं सकतीं। हम एकजुट हैं और संविधान की रक्षा के लिए अपनी आवाज उठाते रहेंगे।”
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन समाप्त करने के लिए कहा। हालांकि, कार्यकर्ताओं ने अपनी आवाज उठाने से मना कर दिया, जिसके कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने इस कार्रवाई को “कानूनी प्रक्रिया” बताते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थान पर शांति बनाए रखना आवश्यक है।
भविष्य की रणनीति
कांग्रेस पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वे इस प्रकार के अन्याय के खिलाफ अपने संघर्ष को जारी रखेंगे। यादव ने कहा, “हमारे कार्यकर्ता हमेशा सच्चाई के लिए लड़ेंगे और हम किसी भी प्रकार के उत्पीड़न से डरने वाले नहीं हैं।”
निष्कर्ष
कांग्रेस पार्टी का यह प्रदर्शन न केवल भाजपा के खिलाफ उनकी नाराजगी को दर्शाता है, बल्कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट करता है। राहुल गांधी का समर्थन करते हुए, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिखाया कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे, चाहे स्थिति कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो।
इस प्रकार, यह घटना न केवल राजनीतिक विरोध का प्रतीक है, बल्कि भारतीय राजनीति में लोकतंत्र की मजबूती की आवश्यकता को भी उजागर करती है।