AIN NEWS 1: आप जानते है माफिया से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की बीते दिनों ताबड़तोड़ गोली मारकर हत्या कर दी गई। दोनों को प्रयागराज के कब्रिस्तान में रविवार रात को ही दफन भी कर दिया गया। दोनों की शनिवार को ही उस समय हत्या की गई, जब मीडियाकर्मियों के सवालों का वो दोनो जवाब दे रहे थे। इस सनसनीखेज वारदात के बाद अब और कई नई-नई जानकारियां सामने रही हैं। दावा किया गया है कि अतीक ने अपनी हत्या से कुछ दिन पहले ही एक पत्र लिखा था। यह पत्र इसने सुप्रीम कोर्ट को संबोधित करते हुए ही लिखा गया था और इसे सुप्रीम कोर्ट को उसने पोस्ट भी किया गया है। लेटर के खुलने के बाद से ही कई अहम राज भी खुल सकते हैं।
मिडिया के सूत्रो के अनुसार, अतीक अहमद ने इस पत्र में अपनी हत्या की साफ़ साफ़ आशंका जताई थी। और उसने अपनी हत्या से ठीक दो हफ्ते पहले ही यह लेटर लिखा था। इसमें उसने ‘सेवा में, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया’ को संबोधित करते हुए ही लिखा था। और इस लेटर के आखिर में अतीक अहमद, पूर्व सांसद लिखा गया था। हालांकि, लेटर के बारे में अभी और कोई अधिक जानकारी सामने नहीं आ सकी हैं, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि इसमें कई सारे राज छिपे हुए हो सकते हैं। अतीक के वकील ने ही इस लेटर के बारे में कहा, “अतीक ने मुझसे कहा था । की उसे कुछ पुलिस अधिकारियों ने जेल में ही धमकी दी थी। के उन्होने मुझे मारने की धमकी दी गई थी। यह सब की सब उस जानकारी लेटर में है ।
इससे पहले अशरफ भी जता चुका था हत्या की आशंका
अतीक और अशरफ भी लगातार ही अपनी हत्या की आशंका जताते रहे थे। जब साबरमती जेल से अतीक को प्रयागराज के लिए लाया जा रहा था, तब भी उसे मारे जाने का पूरा डर बना हुआ था। वहीं, उमेश पाल किडनैपिंग मामले में पेशी होने के बाद से ही 28 मार्च की रात अशरफ बरेली जेल जब वापस लौटा तो उसने भी अपनी हत्या की आशंका जताई थी। मीडिया से बात करते हुए अशरफ ने कहा था कि उसे फिर से दो हफ्ते बाद जेल से बाहर निकाला जाएगा और उसे निपटा दिया जाएगा। उसने यह भी दावा किया था कि एक पुलिस अधिकारी ने ही उसे यह बात बताई है। हालांकि, वह पुलिस अधिकारी कौन था, अशरफ ने उसका नाम किसी को नहीं बताया था।
जाने प्रतापगढ़ जेल भेजे गए तीनों शूटर
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने वाले उन तीन आरोपियों को सोमवार को प्रयागराज की केंद्रीय जेल से प्रतापगढ़ जिला कारागार में अब स्थानांतरित कर दिया गया। एक अधिकारी ने इसकी उन्हे जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमीरपुर के सनी (23), बांदा के लवलेश तिवारी (22) और कासगंज के अरुण कुमार मौर्य (18) को प्रशासनिक आधार पर प्रयागराज की केंद्रीय कारागार से जिला जेल प्रतापगढ़ में शिफ्ट किया गया है। उन्होंने कहा कि तीनों को दोपहर 12 बजे प्रयागराज से ले जाया गया और दोपहर 2.10 बजे तक उन्होने प्रतापगढ़ में प्रवेश किया। सनी, लवलेश और अरुण ने 15 अप्रैल की रात अतीक और अशरफ की उस वक्त ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी थी जब उन्हें मेडिकल जांच के बाद अस्पताल से वापस जेल लाया जा रहा था। अतीक का बेटा अली प्रयागराज जेल में पहले ही बंद है।