AIN NEWS 1: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे देश में आक्रोश और विरोध प्रदर्शन की लहर दौड़ा दी है। इस जघन्य अपराध की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस मामले की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपनी प्रगति रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की।
सुनवाई में प्रमुख बिंदु:
1. FIR दर्ज करने में देरी पर सवाल:
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पुलिस द्वारा FIR दर्ज करने में हुई देरी पर सवाल उठाए। कोर्ट ने जानना चाहा कि रिपोर्ट के अनुसार, शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद भी FIR दर्ज करने में इतनी देर क्यों हुई। सीजेआई ने कहा कि रिपोर्ट से पता चलता है कि शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद रात 11:30 बजे FIR दर्ज की गई।
2. सुप्रीम कोर्ट का गहरी चिंता व्यक्त करना:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में मरीजों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाने चाहिए। अदालत ने पूछा कि यदि चिकित्सक काम नहीं करेंगे, तो जन स्वास्थ्य व्यवस्था कैसे चलेगी?
3. पुलिस की भूमिका और जांच की प्रक्रिया:
सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला ने मामले की जांच प्रक्रिया में विसंगतियों की ओर इशारा किया। उन्होंने सवाल किया कि केस डायरी में कुछ पन्ने बाद में जोड़े गए हैं या नहीं। साथ ही, उन्होंने पूछा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट के हस्ताक्षर किए गए दस्तावेजों की स्थिति क्या है।
4. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और जांच:
सीजेआई ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के समय और जांच के अन्य विवरणों को पढ़ते हुए बताया कि रिपोर्ट के अनुसार शव की जांच शाम 6-7 बजे की गई। उन्होंने यह भी कहा कि एफआईआर और पोस्टमार्टम रिपोर्ट के समय में मेल खाना चाहिए।
5. सीबीआई की स्थिति रिपोर्ट:
सीबीआई ने अपनी स्थिति रिपोर्ट में बताया कि मामला अत्यंत गंभीर है और जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच की प्रक्रिया में सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जा रहा है।
6. पुलिस अधिकारियों की भूमिका पर सवाल:
जस्टिस पारदीवाला ने कहा कि मामले में पुलिस अधिकारियों के कार्यशैली पर सवाल उठते हैं। उन्होंने कहा कि अगली सुनवाई के दौरान जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों को पेश किया जाए और जांच की समयसीमा पर ध्यान दिया जाए।
अगले कदम:
सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को केस डायरी की हार्ड कॉपी पेश करने के निर्देश दिए हैं और सीबीआई को जांच के विभिन्न पहलुओं पर ध्यान देने को कहा है। अदालत ने यह भी कहा कि पुलिस अधिकारियों की गतिविधियों की जांच की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी लापरवाही न हो।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की गहरी निगरानी और फीडबैक से यह उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही न्याय होगा और इस जघन्य अपराध के अपराधियों को सजा मिलेगी।
यह मामला न केवल न्याय की मांग करता है बल्कि एक मजबूत संकेत भी है कि ऐसी घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकारी तंत्र की जवाबदेही तय की जाएगी।