Saturday, February 8, 2025

स्विटजरलैंड में लागू हुआ ‘बुर्का बैन’ कानून: सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर जुर्माना?

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AIN NEWS 1: स्विटजरलैंड में अब सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने पर सख्त प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। स्विटजरलैंड की संसद ने इस कानून को मंजूरी दी है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने वाली मुस्लिम महिलाओं को 1000 स्विस फ्रैंक (जो भारतीय मुद्रा में लगभग 98,000 रुपये के बराबर है) का जुर्माना देना होगा। यह नया कानून 2025 से प्रभावी होगा और इसे “बुर्का बैन” के नाम से जाना जा रहा है।

कानून की पृष्ठभूमि:

स्विटजरलैंड में यह कानून बर्न के एक लोकप्रिय जनमत संग्रह के बाद आया है, जिसमें लोगों ने सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं के चेहरे ढकने वाले कपड़े पहनने के खिलाफ अपना मत व्यक्त किया था। यह कानून मुस्लिम महिलाओं के द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर बुर्का या निका पहनने पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश देता है।

कानून का उद्देश्य:

इस कानून के समर्थन में कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर चेहरे को ढकने से समाज में अलगाव और एकता की कमी हो सकती है। इसे स्विटजरलैंड में महिला अधिकारों की सुरक्षा और समाज के सामूहिक अस्मिता को बनाए रखने के लिए एक कदम माना जा रहा है। हालांकि, इस कदम के खिलाफ भी कई आलोचनाएं उठी हैं।

भारतीय मौलानाओं की प्रतिक्रिया:

भारत में कई मुस्लिम धर्मगुरुओं ने इस कानून पर आपत्ति जताई है। उन्होंने इसे इस्लाम के खिलाफ और धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला बताया है। भारत के मौलानाओं का कहना है कि महिलाओं को उनके धर्म के अनुसार पहनने की स्वतंत्रता होनी चाहिए और ऐसे प्रतिबंध धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं। कई मौलानाओं का मानना है कि बुर्का पहनना एक धार्मिक प्रथा है, जो मुस्लिम महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा के लिए है।

कानून के खिलाफ विरोध:

स्विटजरलैंड के इस कानून के खिलाफ मुस्लिम समुदाय में विरोध बढ़ सकता है। कई समूह इस फैसले को धर्मनिरपेक्षता और महिलाओं के अधिकारों पर हमला मानते हैं। हालांकि, स्विटजरलैंड सरकार का कहना है कि यह कानून महिलाओं की स्वतंत्रता और उनके सामाजिक स्थान को सुनिश्चित करने के लिए है।

स्विटजरलैंड में बुर्का पहनने पर प्रतिबंध के बाद इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चाएं तेज हो गई हैं। कुछ लोग इसे महिला अधिकारों की रक्षा के रूप में देख रहे हैं, जबकि अन्य इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला मान रहे हैं। इस नए कानून का पालन करना स्विटजरलैंड में रहने वाली मुस्लिम महिलाओं के लिए एक चुनौती हो सकता है, और इसके प्रभाव को लेकर आने वाले समय में और विवाद उत्पन्न हो सकते हैं।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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