AIN NEWS 1: सीए नीरज अरोड़ा ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में पैसे खर्च करने की कला पर प्रकाश डाला है। उन्होंने इसे ‘आर्ट ऑफ बैलेंसिंग’ का नाम दिया और इसके महत्व को समझाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु साझा किए।
नीरज अरोड़ा के अनुसार, पैसे खर्च करने का सही तरीका यह है कि आपको अपनी खरीदारी से खुशी मिलनी चाहिए और यह आपके बजट में फिट होनी चाहिए। इसके साथ ही, खर्च करने से आपकी रात की नींद प्रभावित नहीं होनी चाहिए और कर्ज़ की आदत भी नहीं लगनी चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर आप अपनी मेहनत की कमाई का आनंद नहीं ले पा रहे हैं, तो यह पैसा बर्बाद हो रहा है। इस स्थिति को सुधारने के लिए, ‘आर्ट ऑफ बैlेंसिंग’ की आवश्यकता है।
‘आर्ट ऑफ बैलेंसिंग’ का मतलब
‘आर्ट ऑफ बैलेंसिंग’ का तात्पर्य है कि पैसे खर्च करते समय आपको एक संतुलन बनाना होगा। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको हमेशा सख्त बजट का पालन करना होगा, बल्कि यह है कि आप अपने खर्चों को इस तरह से प्रबंधित करें कि आपकी खुशी और वित्तीय स्थिरता दोनों बनी रहें।
खुशी और बजट का संतुलन
सीए अरोड़ा ने कहा कि जब आप कोई वस्तु खरीदते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि वह वस्तु आपकी खुशियों में इजाफा करे। अगर खरीदारी आपके बजट में फिट बैठती है और इससे आपकी रात की नींद प्रभावित नहीं होती, तो यह सही तरीका है।
कर्ज़ की आदत से बचना
एक और महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि पैसे खर्च करते समय कर्ज़ की आदत से बचना चाहिए। कर्ज़ में डूबने की स्थिति में खर्चों पर नियंत्रण रखना और उचित वित्तीय योजना बनाना आवश्यक है।
कमाई का आनंद
अरोड़ा ने बताया कि अगर आप अपनी मेहनत की कमाई का सही तरीके से आनंद नहीं ले रहे हैं, तो इसका मतलब है कि पैसा बर्बाद हो रहा है। इसलिए, खर्च करने के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना चाहिए जिससे आप अपनी आर्थिक स्थिति को भी मजबूत रख सकें और अपने जीवन का आनंद भी उठा सकें।
निष्कर्ष
पैसे खर्च करने की कला को समझना और इसका संतुलन बनाए रखना महत्वपूर्ण है। सीए नीरज अरोड़ा के अनुसार, ‘आर्ट ऑफ बैलेंसिंग’ का मतलब है कि आप अपने खर्चों को इस तरह से प्रबंधित करें कि आपकी खुशियाँ और वित्तीय स्थिरता दोनों बनी रहें। खर्च करने से पहले सोच-समझकर निर्णय लेना और कर्ज़ की आदत से बचना इस कला का हिस्सा है।