AIN NEWS 1 | चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव के बीच, चीन ने एक बार फिर ताइवान की सीमा के पास सैन्य गतिविधियों को बढ़ाया है। हाल ही में ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि चीन ने ताइवान के आसपास के क्षेत्र में 17 सैन्य विमानों को भेजा, जिनमें से कई ने ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार किया।
चीनी सैन्य गतिविधियाँ
- प्लेन और नौसैनिक जहाज: ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सोमवार सुबह छह बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक ताइवान के आसपास 17 चीनी सैन्य विमान, सात नौसैनिक पोत और एक आधिकारिक जहाज देखे गए। इनमें से 12 विमानों ने ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार कर ताइवान के पूर्वी वायु रक्षा पहचान क्षेत्र (ADIZ) में प्रवेश किया।
- पिछली गतिविधियाँ: इससे पहले रविवार को भी, 21 चीनी सैन्य विमानों, सात नौसैनिक जहाजों और एक आधिकारिक जहाज के ताइवान के पास संचालन की सूचना मिली थी। इनमें से 16 विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा को पार किया और ताइवान के पूर्वी ADIZ में प्रवेश किया।
ताइवान की प्रतिक्रिया
ताइवान ने इन गतिविधियों के जवाब में अपनी वायु रक्षा मिसाइल प्रणालियाँ, विमान, और नौसैनिक जहाज तैनात किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वे स्थिति पर कड़ी नजर रखे हुए हैं और ताइवान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
चीन की ‘ग्रे जोन’ रणनीति
चीन की ये सैन्य गतिविधियाँ ‘ग्रे जोन’ रणनीति का हिस्सा मानी जाती हैं। इस रणनीति के तहत, चीन सीधा सैन्य हमला किए बिना अपने विरोधियों को दबाव में डालता है और उनके खिलाफ शक्ति प्रदर्शन करता है।
- ग्रे जोन रणनीति: यह रणनीति उस स्थिति को दर्शाती है जहां कोई देश सीधे सैन्य कार्रवाई नहीं करता, लेकिन विभिन्न तरीकों से प्रतिकूल प्रभाव डालता है। इसमें बार-बार सैन्य गतिविधियाँ, साइबर हमले, या अन्य आक्रामक कार्य शामिल हो सकते हैं। चीन ने इस रणनीति को ताइवान के खिलाफ अधिक बार इस्तेमाल किया है, जिसमें सैन्य विमान की उड़ानों और नौसैनिक जहाजों की तैनाती शामिल है।
- लक्ष्य: इस रणनीति का लक्ष्य धीरे-धीरे प्रतिकूल देश को कमजोर करना है और युद्ध का भय बनाए रखना है। चीन ताइवान के साथ ठीक यही कर रहा है, जिसमें वह सैन्य दबाव बनाए रखता है और धीरे-धीरे अपनी स्थिति को मजबूत करता है।
आगे की स्थिति
चीन और ताइवान के बीच तनाव कम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से क्षेत्रीय शक्तियों की निगरानी महत्वपूर्ण होगी। वर्तमान स्थिति में, यह स्पष्ट है कि चीन की सैन्य गतिविधियाँ और ग्रे जोन रणनीति ताइवान के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है।