AIN NEWS 1: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यसभा अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि राज्यसभा अध्यक्ष का व्यवहार एक ‘मुख्य शिक्षक’ जैसा है, जो विपक्ष की आवाज को दबाने का काम कर रहे हैं। यह बयान उन्होंने विपक्षी दलों के द्वारा राज्यसभा अध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर दिया।
खड़गे ने आरोप लगाया कि राज्यसभा अध्यक्ष, जब भी विपक्ष महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने की कोशिश करता है, उन्हें यह मौका नहीं देते। उनका कहना था, “विपक्ष की तरफ से जब भी कोई महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया जाता है, जिसे नियमों के तहत चर्चा करने की अनुमति होनी चाहिए, तो अध्यक्ष उस पर चर्चा करने की अनुमति नहीं देते। विपक्ष के नेताओं को बार-बार बोलने से रोका जाता है।”
उन्होंने कहा कि राज्यसभा अध्यक्ष का रवैया संविधान और उसकी परंपराओं के बजाय सरकार के प्रति पक्षपाती है। “अध्यक्ष का निष्ठा संविधान के प्रति नहीं, बल्कि सत्ताधारी पार्टी के प्रति है। वह सरकार के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं, ताकि उन्हें अगली पदोन्नति मिल सके।” खड़गे ने यह भी कहा कि “राज्यसभा में सबसे बड़ा विघटनकारी वही अध्यक्ष हैं।”
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं की आवाज दबाने के लिए कई बार नियमों का उल्लंघन किया जाता है, और राज्यसभा अध्यक्ष इस प्रक्रिया में सत्ताधारी पक्ष का समर्थन करते हैं। उनका यह बयान, विपक्षी दलों के बीच राज्यसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संदर्भ में आया है। खड़गे ने यह भी स्पष्ट किया कि वह बिना किसी झिझक के यह कह सकते हैं कि वर्तमान अध्यक्ष ही राज्यसभा के सबसे बड़े विघटनकारी हैं।
इस प्रकार, कांग्रेस अध्यक्ष ने राज्यसभा अध्यक्ष पर तीखे आरोप लगाए और यह भी स्पष्ट किया कि विपक्षी दलों को अपनी बात रखने का पूरा अवसर नहीं मिलता है, जिससे संसद की कार्यवाही में व्यवधान पैदा हो रहा है।
यह बयान राजनीति के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण मोड़ को दर्शाता है, जहां विपक्षी दलों और सरकार के बीच तीखी बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है।