AIN NEWS 1: कोरोना महामारी को आए 4 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। लेकिन इन 4 साल में दुनिया में लोगों की औसत उम्र में कोविड-19 की वजह से गिरावट आई है। ये दावा World Health organization की रिपोर्ट में किया गया है।
WHO के मुताबिक
10 साल में औसत उम्र में जो सुधार आया था वो कोविड-19 महामारी के बाद खराब हो गया है। कोरोना के असर से अब एक व्यक्ति की औसत उम्र 2012 के बाद से सबसे कम हो गई है। 2019 और 2021 के बीच में औसत उम्र 1.8 साल गिरकर अब 71.4 वर्ष साल गई है जबकि स्वस्थ जीवन की औसत उम्र डेढ़ साल घटकर 61.9 साल हो गई है। वहीं अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र में औसत उम्र सबसे ज्यादा यानी करीब 3 साल कम हो गई है। WHO के मुताबिक कोविड-19 ने महज 2 साल में औसत उम्र की एक दशक की बढ़त को खत्म कर दिया है।
कोविड से दुनिया में 1.3 करोड़ की मौत
World Health organization ने कोविड-19 को महामारी के 2 साल के दौरान मौत की टॉप-3 वजहों में माना है। WHO के मुताबिक कोविड-19 2020 में दुनियाभर में होने वाली मौतों पर तीसरे स्थान पर था जबकि 2021 में तो ये दूसरे नंबर पर आ गया था। कोविड की वजह से दुनियाभर में 1.3 करोड़ लोगों की मौत हुई। WHO की रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि महामारी से पहले यानी 2019 में 74 फीसदी लोगों की मौत का जिम्मेदार नॉन कम्युनिकेबल डिजीज यानी NCD जैसे कि दिल की बीमारी, और स्ट्रोक, -कैंसर, क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज, अल्जाइमर रोग और डिमेंशिया-डायबिटीज जैसे रोग हुआ करते थे। महामारी के दौरान भी NCD के असर से 78 फीसदी मौतों की वजह गैर-कोविड मौतें रहीं।
कोरोना ने सीथे हेल्थ पर अटैक किया
WHO एक्सपर्ट्स के मुताबिक कोरोना ने सीथे तौर पर हेल्थ पर अटैक किया है। साथ ही कोविड-19 की वजह से पैदा हुई परिस्थितियों ने दुनियाभर में कुपोषण के बोझ को भी बढ़ा दिया है। 2022 में 5 साल और उससे ज्यादा उम्र के 100 करोड़ से ज्यादा लोग मोटापे के साथ जी रहे थे जबकि 50 करोड़ से ज्यादा लोग कम वजन वाले थे। बच्चों में कुपोषण को भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या के तौर पर देखा जा रहा है।
दुनियाभर में तैयारियां करने की जरुरत
महामारी की वजह से WHO के ट्रिपल बिलियन टारगेट्स और स्वास्थ्य संबंधी विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति की रफ्तार भी बेहद धीमी रही है। 2018 के बाद से 150 करोड़ से ज्यादा लोगों ने बेहतर स्वास्थ्य और खुशहाली हासिल की है जबकि स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार साढ़े 58 करोड़ से ज्यादा लोगों तक हुआ है। हालांकि, 2025 तक केवल 77.7 करोड़ और लोगों को स्वास्थ्य आपात स्थिति के दौरान पर्याप्त सुरक्षा मिलने की संभावना है। यानी अभी भी किसी दूसरी महामारी से निपटने लिए दुनियाभर में बड़ी तैयारियां करने की जरुरत है।