Saturday, February 8, 2025

तिब्बत में विनाशकारी भूकंप: 126 लोगों की मौत, 188 घायल?

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AIN NEWS 1: प्रकृति ने एक बार फिर अपनी प्रचंड शक्ति का अहसास कराया, जब तिब्बत के शिगाज़े क्षेत्र में मंगलवार को 6.8 तीव्रता का विनाशकारी भूकंप आया। इस भूकंप ने तिब्बत, नेपाल और भारत में हजारों लोगों को हिलाकर रख दिया, और इसके परिणामस्वरूप कई इमारतें धराशायी हो गईं, जबकि सैकड़ों लोग अपनी जान गंवा बैठे।

भूकंप का केंद्र और तीव्रता:

भूकंप का केंद्र तिब्बत के शिगाज़े क्षेत्र के डिंगरी काउंटी के सोगो कस्बे में था, जहां 10 किलोमीटर की गहराई पर इस भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई, जिससे आसपास के क्षेत्र में भारी तबाही मच गई। तिब्बत के कई हिस्सों में इमारतें और घर मलबे में तब्दील हो गए।

तिब्बत में हुआ बड़ा नुकसान:

भूकंप ने तिब्बत को सबसे अधिक प्रभावित किया। तिब्बत में अब तक 126 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 188 से अधिक लोग घायल हुए हैं। कई लोग मलबे में दब गए, और राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में आपातकालीन सेवाएं भेजी हैं, और सेना तथा स्थानीय प्रशासन की टीमें मलबा हटाने के काम में जुटी हैं।

नेपाल और भारत में हल्के झटके:

नेपाल और भारत के कुछ हिस्सों में भी इस भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए। हालांकि, इन देशों में किसी बड़ी क्षति की खबर नहीं है, लेकिन लोग भूकंप के झटकों से डरकर अपने घरों से बाहर निकल आए थे।

आपातकालीन स्थिति और राहत कार्य:

तिब्बत में भारी तबाही के बाद चीन सरकार ने आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी है और प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य तेज कर दिया है। मलबे में दबे हुए लोगों को निकालने के लिए बचाव दल काम कर रहे हैं। तिब्बत में घायल लोगों को अस्पतालों में भर्ती किया जा रहा है, और वहां के प्रशासन ने सर्दी से बचाव के लिए जरूरी इंतजाम किए हैं।

सावधान रहने की सलाह:

विशेषज्ञों का कहना है कि भूकंप के बाद और भी झटके महसूस हो सकते हैं, जिससे खतरा बढ़ सकता है। इसलिए, लोगों को सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक किया गया है। भूकंप से प्रभावित लोग असुरक्षित जगहों पर न जाएं और राहत कार्यों में शामिल लोगों को मदद देने के लिए प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

यह भूकंप प्रकृति की तांडव का एक और उदाहरण है, जिसने अपनी शक्ति से पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। राहत कार्यों में तेजी लाने की जरूरत है ताकि अधिक से अधिक लोगों की जान बचाई जा सके और प्रभावित क्षेत्रों को जल्द से जल्द पुनर्निर्माण के लिए तैयार किया जा सके।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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