AIN NEWS 1 लखनऊ। कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को विस्फोट कर डिरेल करने की साजिश का खुलासा होने के बाद, डीजीपी प्रशांत कुमार ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और रेलवे के अन्य अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस बैठक में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और अराजक तत्वों पर निगरानी रखने के उपायों पर चर्चा की गई।
मुख्य बिंदु:
1. पत्थरबाजी पर सख्त कार्रवाई: डीजीपी प्रशांत कुमार ने ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को चिह्नित करके उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाए जाएं।
2. हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल: रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल करने पर जोर दिया गया। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई कमी न हो, सभी अधिकारियों को आधुनिक तकनीकों के साथ ट्रैक की निगरानी करने का निर्देश दिया गया।
3. अवैध निर्माण हटाना: रेलवे ट्रैक के आस-पास अवैध निर्माण को हटाने की कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। डीजीपी ने रेलवे ट्रैक के आसपास के क्षेत्रों में अवैध निर्माण की पहचान करने और उसे हटाने के लिए कार्रवाई की योजना बनाने को कहा।
4. सीसीटीवी कैमरे और पुलिस वेरिफिकेशन: डीजीपी ने ट्रेन के इंजन और कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, रेलवे लाइन के आसपास रहने वालों का पुलिस वेरिफिकेशन कराने की भी बात की गई, ताकि संभावित खतरों की पहचान की जा सके।
5. संवेदनशील स्थानों की निगरानी: डीजीपी ने रेलवे ट्रैक के आसपास संवेदनशील स्थानों की पहचान करने और वहां सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए। अगले वर्ष होने वाले कुंभ मेले से पहले इन क्षेत्रों को सुरक्षित करने की योजना बनाई जाएगी।
6. समन्वय और गश्त: आरपीएफ और जीआरपी को मिलकर रेलवे लाइन के आसपास प्रतिदिन गश्त करने के लिए कहा गया। इस समन्वय से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो।
7. मापदंड संचालन प्रक्रिया: सुरक्षा के लिए मानक संचालन प्रक्रियाएं बनाने की बात की गई है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए एक ठोस और व्यवस्थित योजना हो।
इस बैठक में डीजीपी ने सुरक्षा की स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की और सभी संबंधित अधिकारियों को एकजुट होकर काम करने की अपील की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में रेलवे का नेटवर्क बहुत बड़ा है, और उसकी सुरक्षा के लिए सभी को अधिक सतर्क रहना होगा।
डीजीपी ने यह भी निर्देशित किया कि पिछले 10 वर्षों में रेलवे ट्रैक पर हुई आपराधिक घटनाओं में शामिल अपराधियों की नियमित निगरानी की जाए। इसके अतिरिक्त, रेलवे ट्रैक के आस-पास संवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां सुरक्षा बढ़ाने की योजना बनाई जाएगी।
इन निर्देशों के बाद, रेलवे ट्रैक की सुरक्षा को लेकर एक नई दिशा प्राप्त हुई है और यह उम्मीद की जा रही है कि इन उपायों से ट्रेनों पर पत्थरबाजी और अन्य आपराधिक घटनाओं पर प्रभावी ढंग से रोकथाम की जा सकेगी।