AIN NEWS 1 | जोधपुर में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के खिलाफ पोस्टर लगाने वाले कर्मचारी नेता शंभू सिंह मेड़तिया को शिक्षा विभाग ने निलंबित कर दिया है। राज्य सरकार ने इस घटना के बाद कर्मचारियों के सोशल मीडिया उपयोग पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश जारी किए हैं।
पोस्टर विवाद
शंभू सिंह मेड़तिया ने शिक्षा मंत्री के खिलाफ ‘पलटू राम’ लिखा हुआ पोस्टर जोधपुर में जगह-जगह लगाए थे। ये पोस्टर मंत्री द्वारा जारी कई आदेशों के लागू न होने के विरोध में थे। मेड़तिया का कहना है कि उन्होंने अपने स्कूल में बच्चों का नामांकन कराकर और विकास कार्यों में निवेश करके शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, फिर भी उन्हें सरकार की आलोचना करने के कारण निलंबित किया गया।
सरकार की कार्रवाई
राज्य सरकार ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए कर्मचारियों के सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ टिप्पणियों और आरोपों को नियंत्रित करने के लिए एक परिपत्र जारी किया है। पहले से लागू गाइडलाइन के अनुसार, अगर कोई कर्मचारी सरकार की आलोचना करता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें निलंबन भी शामिल है।
पृष्ठभूमि
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के जोधपुर प्रवास के दौरान मेड़तिया ने कई अशोभनीय नारे लगाए और मंत्री का पुतला फूंका। इसके चलते उन्हें निलंबित किया गया। उनका कहना है कि उन्होंने पिछले 28 वर्षों में कभी कोई नोटिस नहीं प्राप्त किया, लेकिन अब दुर्भावनावश उनका नाम शिक्षक सम्मान से हटा दिया गया है।
निष्कर्ष
इस मामले ने राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों की सोशल मीडिया गतिविधियों पर नई बहस छेड़ दी है। सरकार की इस कड़ी निगरानी से कर्मचारी अब अपने विचार व्यक्त करने में संकोच कर सकते हैं, जिससे लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी असर पड़ सकता है।