Thursday, October 10, 2024

WHO की चेतावनी का भी नहीं पड़ा असर, भारत में चीनी की खपत में हो रही है बढ़ोतरी

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AIN NEWS 1 | हाल ही में WHO ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि चीनी और नमक में माइक्रोप्लास्टिक होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। लेकिन भारतीयों पर इस चेतावनी का कोई खास असर नहीं पड़ा है। भारत में चीनी का सेवन दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। हाल ही में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भारतीयों की मीठे खाने की लत अब भी कम नहीं हुई है।

शहरी भारतीयों में मिठाइयों का अधिक सेवन

एक सर्वेक्षण के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में रहने वाले 2 में से 1 व्यक्ति हर हफ्ते मिठाई, बेकरी प्रोडक्ट, चॉकलेट और बिस्कुट का सेवन करता है। 2024 में यह आंकड़ा और बढ़ गया है। 51% शहरी परिवार हर महीने तीन या उससे अधिक बार पारंपरिक मिठाई का सेवन करते हैं, जबकि 18% लोग तो रोजाना मिठाइयां खाते हैं। त्योहारी सीजन के चलते यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।

चीनी की खपत में बढ़ोतरी

खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के अनुसार, भारत में सालाना चीनी की खपत 290 लाख टन तक पहुंच गई है। 2019-20 से इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसके साथ ही, चीनी मुक्त उत्पादों की मांग भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। खासतौर पर भारतीय मिठाइयों और आइसक्रीम में चीनी की खपत बढ़ी है। बाजार में कुछ शुगर-फ्री उत्पाद भी उपलब्ध हैं, जिनमें खजूर, अंजीर और गुड़ की नैचुरल मिठास का इस्तेमाल किया जा रहा है।

कम चीनी वाले उत्पादों की मांग

हालांकि, अधिकांश ब्रांड्स ने अभी तक अपने नियमित उत्पादों का कम चीनी वाला संस्करण नहीं उतारा है। सर्वेक्षण में पाया गया कि कई उपभोक्ताओं को चॉकलेट, बेकरी प्रोडक्ट्स और आइसक्रीम में चीनी का स्तर अपेक्षा से अधिक मिलता है। ऐसे में कम चीनी वाले विकल्पों की मांग बढ़ती जा रही है।

पारंपरिक मिठाइयों की खपत में इजाफा

लोकलसर्किल्स द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक, पारंपरिक मिठाइयों का सेवन करने वाले शहरी भारतीय परिवारों का प्रतिशत 2023 में 41% से बढ़कर 2024 में 51% हो गया है। 36,000 से अधिक लोगों के इस सर्वेक्षण में 61% पुरुष और 39% महिलाएं शामिल थीं। टियर 1, टियर 2 और टियर 3-4 जिलों के उपभोक्ताओं ने इसमें भाग लिया।

निष्कर्ष

भारत में चीनी की खपत तेजी से बढ़ रही है, और इस पर रोक लगाने के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। शुगर-फ्री उत्पादों की मांग धीरे-धीरे बढ़ रही है, लेकिन लोगों की मिठाइयों के प्रति बढ़ती लत को नियंत्रित करने के लिए और प्रयास किए जाने की जरूरत है।

Disclaimer:
यह खबर मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें।

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।
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