AIN NEWS 1 चूरू, राजस्थान: राजस्थान पुलिस ने एक फर्जी महिला थानेदार अंजू शर्मा को गिरफ्तार किया है, जो पिछले तीन सालों से खुद को दिल्ली पुलिस में उपनिरीक्षक बताकर विभिन्न स्थानों पर VIP सुविधाएं ले रही थी। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि अंजू ने अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को बताया था कि वह दिल्ली में रह रही है और दिल्ली पुलिस में थानेदार है।
जालसाजी का तरीका
अंजू शर्मा ने 12वीं कक्षा पास करने के बाद बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ठगे हैं। वह लोगों को सरकारी नौकरी में भर्ती कराने के नाम पर पैसे मांगती थी और इस प्रक्रिया में उसने कई लोगों से ठगी की। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके पास से फर्जी दिल्ली पुलिस का आईडी कार्ड, वर्दी में तस्वीरें और वीडियो भी बरामद किए हैं।
गिरफ्तारी का विवरण
चूरू जिले के साहवा थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि अंजू शर्मा देवगढ़ निवासी है और वह खुद को दिल्ली पुलिस की महिला उप निरीक्षक बताकर “अतिविशिष्ट व्यक्ति” के तौर पर विभिन्न सुविधाएं ले रही है। जानकारी के आधार पर पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और पूछताछ की। अंजू ने कबूल किया कि उसने लोगों को नौकरी दिलाने का झांसा देकर लाखों रुपये ऐंठे हैं।
नौकरी के नाम पर ठगी
एक युवक अर्जुन लाल ने अंजू के खिलाफ दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर 12.93 लाख रुपये ठगने की शिकायत दर्ज कराई है। इस मामले की जांच जारी है और पुलिस ने अंजू शर्मा से आगे की पूछताछ कर रही है।
अंजू का खुलासा
पूछताछ के दौरान अंजू ने बताया कि उसने अपने आसपास के लोगों को यह विश्वास दिलाया था कि वह तीन साल से दिल्ली पुलिस में थानेदार है। उसने बताया कि उसने इस दौरान कई लोगों से पैसे लिए और उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया।
पुलिस का बयान
चूरू के जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव ने इस मामले की पुष्टि की और कहा कि अंजू शर्मा के खिलाफ ठगी के कई मामले सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अब इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और अन्य संभावित पीड़ितों की तलाश कर रही है।
इस मामले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि जालसाज किस तरह से लोगों को धोखा देकर उनकी मेहनत की कमाई को ठग लेते हैं। पुलिस अब इस मामले को गंभीरता से ले रही है और सभी ठगी के मामलों की गहराई से जांच कर रही है।