AIN NEWS 1: गाजियाबाद के वेव सिटी में 450 प्लॉट खरीदारों को अपने घर बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। यह समस्या किसानों के विरोध के कारण उत्पन्न हो रही है, जिन्होंने आपत्ति जताई है कि वेव सिटी में खरीदी गई जमीन उनकी है। इस विवाद के चलते वेव सिटी के 388 एकड़ क्षेत्र में निर्माण कार्य रुका हुआ है। इस मुद्दे पर 18 सितंबर को जीडीए (गाज़ियाबाद विकास प्राधिकरण) की एक बैठक बुलाई गई है। दूसरी ओर, किसान संगठनों ने 18 सितंबर से वेव सिटी का गेट बंद करने की धमकी दी है।
विवाद का इतिहास
वेव सिटी टाउनशिप गाजियाबाद में 4000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में बस रही है। इस परियोजना में अधिकांश जमीन बिल्डर ने किसानों से सीधे सहमति के साथ खरीदी थी। जिन किसानों ने अपनी जमीन सहमति से नहीं दी थी, उस जमीन को जीडीए ने अधिग्रहित कर लिया था। यह अधिग्रहण 388 एकड़ क्षेत्र में हुआ था। इस अधिग्रहण के खिलाफ किसानों ने हाईकोर्ट में मामला दायर किया था, लेकिन कोर्ट ने इसे सही माना और केस खारिज कर दिया।
वर्तमान समस्या
सुरेंद्र शर्मा जैसे कई बायर्स जिन्होंने 2007 से 2015 के बीच अपने प्लॉट खरीदे थे, अब अपने मकान के निर्माण को लेकर परेशान हैं। किसानों का दावा है कि यह जमीन अब भी उनकी है, और वे इस पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं करने दे रहे हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब बायर्स ने अपने प्लॉट का माप लिया और देखा कि किसान निर्माण कार्य में बाधा डाल रहे हैं।
किसान नेताओं ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रशासन और पुलिस इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। बायर्स ने पुलिस को कई बार शिकायत दी है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इसके चलते 450 से अधिक बायर्स के सामने अपने घर बनाने का संकट खड़ा हो गया है।
प्रशासन की भूमिका
वेव सिटी के सीओओ सीजे सिंह का कहना है कि जीडीए ने जमीन का सही तरीके से अधिग्रहण किया है और बिल्डर को इसे विकास के लिए सौंपा है। बिल्डर ने बायर्स को प्लॉट्स बेचे और वहां आधारभूत सुविधाओं का विकास किया। अब किसानों द्वारा बायर्स को घर बनाने से रोका जा रहा है। सीजे सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस को पर्याप्त सहयोग नहीं मिल रहा है और वे बायर्स की हर संभव मदद करने का आश्वासन दे रहे हैं।
आगामी बैठक और किसान संगठनों की कार्रवाई
इस विवाद के समाधान के लिए 18 सितंबर को जीडीए में एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है। इस बैठक में जीडीए ने वेव सिटी के अधिकारियों को बुलाया है ताकि पूरी स्थिति को समझा जा सके और उचित समाधान निकाला जा सके। वहीं, किसान संगठनों ने 18 सितंबर को ही वेव सिटी के गेट बंद करने की धमकी दी है। उनका कहना है कि समझौते को सही तरीके से लागू नहीं किया गया है, और वे इस पर प्रदर्शन करेंगे।
मधुबन बापूधाम की समान समस्या
वेव सिटी के अलावा, जीडीए की मधुबन बापूधाम योजना में भी किसानों के विरोध की समस्याएं सामने आई हैं। यहां भी जब विकास कार्य शुरू किया जाता है, तो किसान विरोध प्रदर्शन करके काम को रोक देते हैं। इसी तरह की समस्याएं औद्योगिक भूखंडों पर भी देखी जा चुकी हैं, जहां किसान समान मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
निष्कर्ष
गाजियाबाद के वेव सिटी में 450 प्लॉट खरीदारों को किसान विरोध के कारण गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस विवाद का समाधान निकालने के लिए जीडीए की बैठक का इंतजार है, और यह देखना होगा कि प्रशासन और किसान संगठनों के बीच किस प्रकार का समझौता होता है। बायर्स की समस्याओं का समाधान करना आवश्यक है ताकि वे अपने घरों का निर्माण शुरू कर सकें और वेव सिटी के विकास की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके।