बेंगलुरु: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ चुनावी बॉंड के जरिए कथित जबरन वसूली के मामले में FIR दर्ज करने का आदेश बेंगलुरु की विशेष प्रतिनिधि अदालत ने दिया है। यह आदेश शुक्रवार को आया, जब जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) के सह-अध्यक्ष आदर्श अय्यर ने अदालत में शिकायत दर्ज की थी।
शिकायत की मुख्य बातें
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि चुनावी बॉंड के माध्यम से लोगों से डरा-धमका कर पैसे वसूले गए। अदालत ने बेंगलुरु के तिलक नगर पुलिस स्टेशन को इस मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश दिया है।
सुनवाई की स्थिति
जनाधिकार संघर्ष परिषद ने अप्रैल 2024 में 42वीं एसीएमएम कोर्ट में निर्मला सीतारमण, ईडी अधिकारियों, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान, याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बालन ने दलीलें रखीं। अदालत ने मामले की सुनवाई 10 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
चुनावी बॉंड पर विवाद
चुनावी बॉंड योजना, जिसे नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2018 में लागू किया, को लेकर पहले भी बीजेपी की आलोचना हो चुकी है। सरकार ने इसे राजनीतिक चंदे को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से लाया था। हालांकि, इस योजना में यह जानकारी नहीं दी जाती कि किसने कितने का बॉंड खरीदा, जिसके कारण विपक्षी दलों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। इसी साल, शीर्ष अदालत ने चुनावी बॉंड योजना को रद्द कर दिया था।
निष्कर्ष
इस नए मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, और इससे चुनावी बॉंड योजना के विवादास्पद पहलुओं पर फिर से बहस छिड़ सकती है।