Thursday, February 6, 2025

भारत में HMPV वायरस का पहला मामला, बेंगलुरु में 8 महीने की बच्ची संक्रमित?

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AIN NEWS 1: भारत में एचएमपीवी (HMPV) वायरस का पहला मामला सामने आया है। बेंगलुरु, कर्नाटक में एक आठ महीने की बच्ची में इस वायरस का संक्रमण पाया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन एक निजी अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार बच्ची में HMPV वायरस डिटेक्ट हुआ है। यह वायरस आमतौर पर बच्चों में पाया जाता है।

HMPV वायरस क्या है?

HMPV (ह्यूमन मेटापेनेटोवायरस) एक श्वसन संबंधी वायरस है जो बच्चों और बुजुर्गों में अधिक प्रभावी होता है। इस वायरस के लक्षण सामान्य सर्दी-खांसी और नजले-जुकाम जैसे होते हैं। हालांकि, इस वायरस से संक्रमित कुछ मरीजों को सांस लेने में दिक्कतें भी होती हैं। खासकर, जिनका इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, उनके लिए यह वायरस गंभीर रूप ले सकता है।

लक्षण और प्रभाव

एचएमपीवी वायरस के लक्षण अक्सर सामान्य सर्दी-खांसी से मिलते-जुलते होते हैं, जैसे कि:

खांसी

गले में खराश

नाक बहना

बुखार

हालांकि, कुछ मामलों में यह वायरस श्वसन समस्याएं भी उत्पन्न कर सकता है, जैसे सांस लेने में दिक्कत। छोटे बच्चों और बुजुर्गों में यह वायरस गंभीर रूप से फैल सकता है और इन्फ्लुएंजा या ब्रोंकाइटिस जैसे रोगों का कारण बन सकता है।

सरकार की प्रतिक्रिया और दिशा-निर्देश

दिल्ली में हेल्थ सर्विस की डायरेक्टर डॉ. वंदना बग्गा ने रविवार को मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारियों के साथ एक मीटिंग की। इस बैठक में श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए चर्चा की गई। उन्होंने अस्पतालों को संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों की जानकारी आईएचआईपी पोर्टल के माध्यम से देने के निर्देश दिए। इसके साथ ही संदिग्ध मामलों के लिए सख्त आइसोलेशन और सुरक्षा उपायों को लागू करने की सलाह दी गई है।

HMPV वायरस के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे पहली बार 2001 में डिटेक्ट किया गया था, लेकिन कुछ विशेषज्ञों के अनुसार, यह वायरस 1958 से अस्तित्व में है। इसका संक्रमण विशेष रूप से शिशुओं और बुजुर्गों में गंभीर हो सकता है।

एचएमपीवी वायरस का बेंगलुरु में पहला मामला सामने आने के बाद सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए सर्दी-खांसी और नजले-जुकाम के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है। विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों को इस वायरस से बचाने के लिए एतिहात बरतना चाहिए।

 

 

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सत्यमेव जयते नानृतं सत्येन पन्था विततो देवयानः।

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