AIN NEWS 1 ग्रेटर नोएडा: एक समय था जब बदमाशों के गैंग जिले में खौफ फैलाए हुए थे। सुंदर भाटी, अनिल दुजाना, अमित कसाना और रवि काना जैसे नाम कई बार एक फोन कॉल से करोड़ों रुपये की रंगदारी वसूलते थे। लेकिन अब स्थिति पूरी तरह से बदल चुकी है। अब इन्हीं बदमाशों और उनके गैंग के अन्य सदस्यों को जमानत मिलना मुश्किल हो गया है।
पुलिस की सख्ती के कारण इन बदमाशों को जमानत देने के लिए कोई आगे नहीं आ रहा। पुलिस ने जमानत देने वाले लोगों को पहले ही चेतावनी दे दी है कि अगर वे इन गैंगस्टरों की जमानत में मदद करेंगे, तो भविष्य में यदि इन बदमाशों से किसी भी तरह का संबंध पाया गया, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा सकती है।
इस चेतावनी का असर साफ देखा जा रहा है। 15 से अधिक बदमाशों की जमानत के लिए डॉक्युमेंट्स सब्मिट करने वाले लोगों ने अब अपने कागजात वापस ले लिए हैं और जमानत देने से इनकार कर दिया है। इसके चलते, इन गैंगस्टरों को जेल में ही रहना पड़ रहा है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गौतमबुद्ध नगर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्राइम की घटनाओं को अंजाम देने वाले कई गिरोहों के बदमाश जेल में हैं। इस वजह से गैंगवार की घटनाएं कम हो गई हैं। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इन बदमाशों का जेल में रहना ही बेहतर है। पुलिस लगातार प्रयास करती है कि कोर्ट में अपना पक्ष मजबूती से रखा जाए और जमानत देने वाले लोगों पर भी निगाह रखी जाती है।
पुलिस की सख्त निगरानी के कारण, जमानत देने वाले लोग अब इन बदमाशों की जमानत देने से बच रहे हैं। अनिल दुजाना, मनोज नगला और अन्य गैंगस्टरों के सदस्य अब लगातार जेल से अपने परिचितों को संदेश भेज रहे हैं कि उनकी जमानत दे दें, लेकिन पुलिस की कार्रवाई के डर से कोई भी जमानत देने के लिए आगे नहीं आ रहा है।
इस प्रकार, पुलिस की सख्ती और प्रभावी रणनीति के कारण, गैंगस्टरों को जमानत मिलना अब एक मुश्किल काम बन गया है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधियों को काबू में रखने के लिए पुलिस की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है।