AIN NEWS 1: गाजियाबाद में किसानों ने वेव सिटी बिल्डर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। किसानों की लंबे समय से जारी मांगों और समस्याओं के समाधान के लिए बुधवार को उन्होंने वेव सिटी के मुख्य गेट को आवाजाही के लिए बंद कर दिया। भारतीय किसान संगठन और किसान संघर्ष समिति के बैनर तले हुए इस आंदोलन में कई गांवों के किसान शामिल हुए।
किसानों का आरोप है कि वेव सिटी बिल्डर ने आठ साल पहले किए गए लिखित और मौखिक समझौतों को आज तक पूरा नहीं किया है। किसानों का कहना है कि बिल्डर द्वारा किए गए वादों को लागू करने की बजाए, उन्हें बंधक बनाकर रखा गया है और सरकार ने बिल्डर को लाइसेंस देकर उनकी समस्याओं की अनदेखी की है।
आंदोलन के दौरान किसानों ने प्रमुख समस्याओं को सामने रखा:
1. मुआवजे की कमी: किसानों को उनकी जमीनों का उचित मुआवजा नहीं दिया गया है।
2. प्लॉट की कमी: प्रभावित किसानों को घोषित आठ प्रतिशत प्लॉट नहीं दिए गए हैं।
3. भूमिहीनों को फ्लैट/प्लॉट का अभाव: भूमिहीनों को घोषित फ्लैट या प्लॉट नहीं दिए गए हैं।
4. रोजगार की व्यवस्था : प्रभावित किसान परिवारों के रोजगार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
किसानों का कहना है कि इन समस्याओं के कारण गांवों का समग्र विकास भी रुक गया है। धरना स्थल पर तीन घंटे तक गेट को बंद रखने के बाद उपजिलाधिकारी सदर अरुण दीक्षित और जीडीए अपर सचिव प्रदीप कुमार ने मौके पर पहुंचकर किसानों को आश्वस्त किया कि 12 सितंबर को जीडीए में बिल्डर और किसानों के बीच वार्ता कराई जाएगी। इसके बाद धरना समाप्त कर दिया गया।
धरने में शामिल प्रमुख किसानों में टीकम नागर, लोकेश नागर, आनंद नागर, भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष राजेंद्र यादव, धर्मवीर प्रधान, महेंद्र प्रधान, प्रवीन प्रधान, सतीश त्यागी, बालेश्वर प्रधान, धर्मजीत प्रधान, भोजी प्रधान, रतिराम बाबूजी, रूपम यादव, शीशपाल चौधरी, मनोज यादव और राजू शर्मा शामिल थे।
धरना स्थल पर पुलिस बल भी तैनात रहा। किसानों ने स्पष्ट किया कि जब तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, उनका संघर्ष जारी रहेगा।